उस दिन झण्डा फहर जाएगा उग्रवाद की छाती पर: शहीद जवानों के श्रद्धांजलि व काव्यांजलि के आयोजन पर कर्नल सीपी मिश्रा सहित कई लोग हुए सम्मानित | New India Times

वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:

उस दिन झण्डा फहर जाएगा उग्रवाद की छाती पर: शहीद जवानों के श्रद्धांजलि व काव्यांजलि के आयोजन पर कर्नल सीपी मिश्रा सहित कई लोग हुए सम्मानित | New India Times

राजकिशोर स्कूल एवं राष्ट्रीय कवि संगम के संयुक्त तत्वाधान में पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि एवं सैनिकों के सम्मान में सैनिक सम्मान काव्यांजलि का कार्यक्रम गत दिवस आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि पूर्व चेयरमैन नगर पालिका परिषद डाॅ इरा श्रीवास्तव व वर्तमान चेयरमैन निरुपमा मौनी बाजपेई ने दीप प्रज्जवल एवं माँ सरस्वती के अर्चना से किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डाॅ इरा श्रीवास्तव विशिष्ट अतिथि जिला महामंत्री भाजपा कुलभूषण सिंह और ठाकुर प्रसाद गंगवार ने भूतपूर्व सैनिकों का तिलक चन्दन कर एवं उन्हें स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।

सम्मानित होने वाले भूतपूर्व सैनिकों में कर्नल सी.पी. मिश्रा, वी.के. तिवारी, दिनेश चन्द्र शर्मा, एम.के.शर्मा, एस.के.वर्मा, अनूप मिश्रा, एस.बी. वर्मा, बाबूराम, अनिल शर्मा, डी.एस. मिश्रा, निजामुद्दीन, वी.एस. तिवारी तथा अभय मिश्रा आदि रहे।

इस अवसर पर आयोजित काव्यान्जलि का शुभारम्भ जनार्दन पांडेय ने वाणी वन्दना से किया। गोंडा से आए कवि शिवाकान्त मिश्र ‘विद्रोही ने पढ़ा-‘‘समन्दर को नदी के बाढ़ की चिन्ता नहीं होती, सिंह को गजों के चिंघाड़ की चिंता नहीं होती। नचाते हॅथेली पर मौत प्रहरी खड़े सीमा पर ,शहीदों के ह्दय में प्राण की चिंता नहीं होती।‘‘ जर्नादन पाण्डेय ‘नाचीज‘ ने पढ़ा-लोकतंत्र का गला घोंटते तथाकथित जन नानक लोग, खो बैठे हैं आज भूमिका, जाने क्यों निर्णायक लोग।‘‘ लखनऊ से पधारे सौरभ पाण्डेय ने समाज की विद्रूपताओं को ध्यान में रखते हुए कहा-‘‘लाज, शर्म, हया खूंटी टांगने लगे हैं लोग, खुले आम हुयी बेहयायी देख लीजिए, कभी तो कमाई के अलावा एक बार मित्र बाबू जी की टूटी चारपाई देख लीजिए।‘‘ हरदोई से आए कवि शोभित तोमर पढ़ते हैं कि-‘‘पूजन वंदन है प्रणाम उस भारत माँ की गोदी को, एक नहीं सौ बार चुनेंगे हम भारत में मोदी को।‘‘ अमित कैथवार ने पढ़ा-‘‘ये हम नहीं इतिहास के पन्ने बताते हैं, यहां जो छेंड़ते पहले कभी छोड़े नहीं जाते हैं।‘‘ कुलदीप समर ने पढ़ा-‘‘लहरों से लड़ेगा जो वही उस पार जाएगा, समम्दर के हिलोरों में भी बाजी मार जाएगा।‘‘ शशांक पाण्डे ने पढ़ा-‘‘धरा पर परवरिश में मां विधाता की निशानी है।‘‘ शाश्वत अभिषेक ने सैनिकों की याद में पढ़ा-‘‘याद हम उनको करें जो घाटियों में रक्त से जय भारती माँ लिख गये हैं।‘‘ कार्यक्रम के संचालक अनिल अमल ने पढ़ा-‘‘जिस दिन भगत सिंह चढ़ बैठा भारत माँ के घाती पर उस दिन झण्डा फहर जाएगा उग्रवाद की छाती पर। दीपक पंडित ने सैनिकों के लिए गीत पढ़कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विनम्र आनन्द ने भी काव्यपाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिवाकान्त विद्रोही गोंडा ने की तथा संचालन राष्ट्रीय कवि संगम के प्रान्त अध्यक्ष कवि अनिल अमल नेकिया।

इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में आचार्य संजय मिश्र, बृजेश पाण्डे, राघव हिन्दू, प्रीतू रस्तोगी, वरिष्ठ पत्रकार नन्द कुमार मिश्रा, शासकीय अधिवक्ता अशोक शर्मा, सरदार अजीत पाल सिंह, अर्पित मिश्रा के साथ अनेक लोग उपस्थित रहे। वार्ड के सभासद विक्रम गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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