आज भी सबके दिलों में ज़िंदा हैं पंडित जवाहरलाल नेहरू... | New India Times

Edited by Arshad Aabdi, NIT; ​आज भी सबके दिलों में ज़िंदा हैं पंडित जवाहरलाल नेहरू... | New India Times

लेखक: सैय्यद शहंशाह हैदर आब्दी

आज भी सबके दिलों में ज़िंदा हैं पंडित जवाहरलाल नेहरू... | New India Times​पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। पंडित जवाहरलाल नेहरू की माता का नाम स्वरूप रानी था। वे एक कश्मीरी ब्राह्मण थी और मो‍तीलाल नेहरू से उनका विवाह 1886 में हुआ था। पंडित जवाहरलाल नेहरू का परिवार मूल रूप से कश्मीर से था।

पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू एक रुतबेदार वकील थे। महात्मा गांधी से मिलने के बाद मोतीलाल नेहरू भी इंडियन नेशनल कांग्रेस का हिस्सा बने।1919 और 1920 में कांग्रेस के अध्यक्ष बने।

पंडित जवाहरलाल नेहरू का शुरुआती जीवन इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) में ही गुज़रा। वे बचपन से ही प्रतिभाशाली थे।

15 वर्ष की उम्र में नेहरू एक अग्रणी अंग्रेज़ी विद्यालय इंग्लैण्ड के हैरो स्कूल में भेजे गये। हैरो से वह केंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए, जहां उन्होंने तीन वर्ष तक अध्ययन करके प्रकृति विज्ञान में स्नातक उपाधि प्राप्त की। लंदन के इनर टेंपल में दो वर्ष बिताकर उन्होंने वकालत की पढ़ाई की।

भारत लौटने के बाद 8 फरवरी 1916 को नेहरू का विवाह कमला कौल के साथ हुआ। कमला दिल्ली में बसे कश्मीरी परिवार से थीं।

19 नवंबर 1917 को इंदिरा गांधी का जन्म हुआ। पंडित नेहरू अपनी बेटी इंदिरा गांधी को ज़्यादा समय नहीं दे पाते थे। उनकी बेटी इंदिरा गांधी अब बड़ी हो रही थी।अत: नेहरू जी ने पत्रों का सहारा लिया।

1912 में जवाहरलाल नेहरू ने बांकीपुर (बिहार) में होने वाले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया।

1919 में पंडित जवाहरलाल नेहरू महात्मा गांधी के साथ आ गए। वे गांधी जी साथ कई जगहों पर गए। पंडित जवाहरलाल नेहरू पर स्वतंत्रता संग्राम के अगुवा महात्मा गांधी का बहुत प्रभाव था।

1920 में पंडित जवाहरलाल नेहरू पहली बार जेल गए. वे आज़ादी की लड़ाई में पूरी तरह उतर चुके थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 9 साल से ज्यादा समय जेल में बिताया।

जब आजादी का आंदोलन ज़ोर पकड़ चुका था, तब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। लोकप्रिय शख्सियत थी पंडित नेहरू की। सभी के चहेते थे पंडित नेहरू।

पंडित जवाहरलाल नेहरू के सामने भी अब एक ही लक्ष्य था और वह था जल्द से जल्द देश की आज़ादी।

15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजों के अधिकार से मुक्त हो गया था। पंडित जवाहरलाल नेहरू आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बनाए गए।

26 जनवरी 1930 को पंडित नेहरू ने पूर्ण स्वराज का ऐलान किया।

28 फरवरी 1936 को पंडित जवाहरलाल नेहरू की धर्मपत्नी कमला नेहरू का निधन हो गया। धर्मपत्नी के निधन के बाद भी पंडित जवाहरलाल नेहरू आजादी की लड़ाई में सक्रिय रहे।

जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. आज़ादी के बाद वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने।

वे भारत के विकास का चक्का पूरी तरह घुमा देना चाहते थे।

नेहरू ने औद्योगिक विकास की पहल की। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आधुनिक भारत की नींव रखी, वे विकसित भारत का सपना देख चुके थे।

आजादी के यद्धा थे पंडित नेहरू।

पंडित नेहरू ने अपनी वसीयत में लिखा – मैं चाहता हूं कि मेरी मुट्ठीभर राख प्रयाग के संगम में बहा दी जाए जो हिन्दुस्तान के दामन को चूमते हुए समंदर में जा मिले।

आधुनिक भारत के निर्माण में उनके योगदान को नकारने वाले और उनके पूरे परिवार को मुसलमान साबित करने की कोशिश करने वाले देश और समाज के साथ ग़द्दारी कर रहे हैं। देश को इनसे सावधान रहते हुऐ इनका सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए।

1963 में उन्हें दिल का हल्का दौरा पड़ा था। फिर जनवरी 1964 में उन्हें और कमज़ोर कर देने वाला दौरा पड़ा।कुछ महीनों बाद तीसरे दिल के दौरे से 27 मई 1964 को उनकी मृत्यु हो गई।

पंडित नेहरू का निधन दिल्ली में हुआ था। वे लोगों की आंखों में पानी और सुनहरे भविष्य के सपने छोड़ गए।

उन्हें अंतिम विदाई देने मानो पूरा देश ही सड़कों पर उमड़ आया था।

शरीर छोड़ देने के बाद भी पंडित जवाहर लाल नेहरू लोगों के दिलों में ज़िंदा हैं।

और इस तरह पंडित जवाहरलाल नेहरू हमेशा के लिए अमर हो गए।

आधुनिक भारत के निर्माता सेकुलर और समाजवादी पंडित जवाहर लाल नेहरू को उनकी 54 वीं पुण्यतिथि पर हज़ारों सलाम।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading