कासिम खलील, बुलढाणा(महाराष्ट्र), NIT; आगामी ज़िला परिषद व पंचायत समिती चुनाव के मद्देनज़र आज बुलढाणा में ज़िले के भाजप प्रत्याशियों के प्रचार के लिए राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की सभा का आयोजन किया गया था किन्तु अपेक्षित भीड़ मुख्यमंत्री को सुनने के लिए नहीं जुट पाने के कारण ये सभा एक “फ्लॉप-शो” मानी जा रही है।
विपक्षी दलों के नेताओं के अनुसार विगत लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में भाजप ने जनता को “उल्लू” बनाते हुए झुटे “आश्वासन” देकर “सत्ता” हासिल ज़रूर की है, लेकिन जनता ने जिस आशा के साथ सत्ता पर बिठाया वो “आशाएं” आज भी एक अधूरा ख्वाब बनी हुई हैं। अब ग्रामिण आंचल की जनता के मिनी मंत्रालय अर्थात ज़िला परिषद के चुनाव में फिर से भाजप के नेतागण जनता के सामने “झूट” का “कटोरा” ले कर “वोटों” की “भिक” मांगने के लिए निकल पड़े हैं।
16 फ़रवरी को बुलढाणा में ज़िला परिषद व पंचायत समिति के चुनाव होने वाले हैं और पुरे बुलढाणा ज़िले के भाजपा उम्मीदवारों के लिए आज 10 फ़रवरी को बुलढाणा के लहाने मैदान में राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की प्रचार सभा का आयोजन किया गया था। अपने निर्धारित समय सुबह 11 बजे के लगभग मुख्यमंत्री महोदय हेलीकॉप्टर से बुलढाणा तो पहुंच गए किन्तु सभा स्थल पर “भीड” नहीं जुटने के कारण उन्हें फ़िज़ूल में दूसरे स्थान पर रुकना पड़ा। किसी तरह से जब लोग सभा स्थल पर पहोंचे तब मुख्यमंत्री महोदय का मंच पर आगमन हुआ.भाजप जिलाध्यक्ष धुरपतराव सावले,विधायक चैनसुख संचेती,कृषी मंत्री भाऊसाहेब फुंडकर,नवनिर्वाचित पदवीधर विधायक रणजीत पाटिल ने अपने विचार व्यक्त किये पश्चात मुख्यमंत्री फडणवीस ने अत्यल्प संख्या में मौजूद जनता को संबोधित किया.आशा थी कि फडणवीस अपने भाषण में “शिवसेना” पर जमकर “प्रहार” करेंगे किन्तु कार्यकर्ताओ की अपेक्षा को भंग करते हुए उन्होंने केवल अपने और केंद्र सरकार के कामो का गुन-गान किया.कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई उन योजनाओ का तुन-तुना बजाया जिनका अब नाम बदल दिया गया है। उन्होंने किसी भी राजकीय पक्ष पर कोई आरोप और ना ही कोई प्रतिआरोप किया और अपने भाषण में कोई आक्रमकता न दिखाते हुए मुख्यमंत्री महोदय ने अंत में भाजपा उम्मीदवारों को जिताने का निराशजनक भाषा में आह्वान करते हुए मंच छोड़ दिया। इस निराश भाषण को सुनने के बाद वहां जूटे लोग भी निराश भावना के साथ अपने घर की तरफ लौट गए। कुल मिला कर देखा जाए तो भाजपा उम्मीदवारों के प्रचार के लिए आयोजित की गई यह सभा जनता के मन में कोई ख़ास प्रभाव नही डाल पाई और न ही भाजप कार्यकर्ताओं में कोई जोश भरा जा सका।
बॉक्स 1
“कुटे” का फरमान और “पुलिस” परेशान:-
बुलढाणा में राज्य के मुख्यमन्त्री देवेन्द्र फडणवीस की सभा होने के कारण सभा स्थल पर कडा पुलिस बंदोबस्त किया गया था। सभा में प्रवेश करने के लिए सभी प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा की दृष्टी से “मेटल डिटेक्टर” लगाए गए थे ताकि किसी प्रकार की अनहोनी घटना से बचा जाए। सभा स्थल पर बड़ी धिमी गति से लोग पहुंच रहे थे जिन्हें मेटल डिटेक्टर से गुज़ारा जा रहा था और मंच पर विधायक संजय कुटे माइक संभाले हुए थे। इस बीच विधायक कुटे ने माइक पर दो बार ये घोषणा करते हुए पुलिस को फरमान छोड़ा कि “लोगों को बिना चेक किये ही सभा मंडप में आने दिया जाए” । विधायक कुटे के इस फरमान से ड्यूटी पर मौजूद पुलिस कर्मी काफी परेशान हो गए थे। वे मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए ही सभी की तलाशी ले रहे थे, ऐसे में विधायक कुटे का ये फरमान कुछ उचित नहीं था।
बॉक्स 2
युवती का सभा में हंगामा:-मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस का भाषण शुरू था कि इसी समय महिलाओ के बिच से एक 14-15 वर्षीय युवती उठी और मंच की दिशा में जाने लगी तो पुलिस ने उसे रोक दिया। युवती ने पुलिस को अनुरोध किया कि उसे एक ख़ास विषय पर मुख्यमंत्री से बात करनी है किन्तु वहाँ मौजूद महिला पुलिस कर्मियों ने उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया जिससे सभास्थल में हड़कंप मच गया। पुलिस के साथ युवती की इसी नोकझोंक में मुख्यमंत्री का भाषण समाप्त हो गया और वह मंच से उतर गए। यह देख कर युवती पुलिस पर गुस्सा हो गई और रोने लगी। युवती का दिल रखने के लिए पुलिस वाले युवती को लेकर मुख्यमंत्री की दिशा में दौड़े पर तब तक मुख्यमंत्री का काफिला निकल चुका था। तत्पश्चात युवती को पुलिस वाहन में बिठा दिया गया। युवती आखिर मुख्यमन्त्री से क्या कहना चाहती थी यह तो उसे ही पता पर पुलिस बता रही है कि युवती को राजकरण के गुण मुख्यमंत्री से सीखना था और इसी लिए वह मुख्यमंत्री से मिलना चाह रही थी।
बॉक्स 3
भीड़ दिखाने सभा में स्कूली छात्र:-बुलढाणा में आयोजित मुख्यमंत्री फडणवीस की सभा में जब भीड़ नहीं जुटी तो स्थानिय भाजप नेता मंडली ने तत्काल आपने निजी कॉलेज के छात्र एंव छात्राओं को कॉलेज से उठा कर यूनिफार्म में ही सभा मंडप में ला कर बिठा दिया ताकि मुख्यमंत्री के सामने अपनी बेइज़्ज़ती न हो। इस प्रकार कॉलेज के छात्रों को भीड़ दिखाने के लिए इस्तेमाल करने का भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया जा रहा है।
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