अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:
न्याय के मंदिर माने जाने वाले कोर्ट परिसर में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक महिला अधिवक्ता को जान से मारने और डराने-धमकाने की गंभीर कोशिश की गई। यह आरोप अधिवक्ता संचय नेमा एवं उनके भाई तनीष्क नेमा पर है, जो कथित रूप से अपने साथियों के साथ महिला अधिवक्ता एवं उसके परिवार के सदस्यों को खुलेआम धमकाया।


पीड़ित पक्ष का आरोप है कि वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र रावत एवं अनिल गिरी जो खुद को अधिवक्ताओं के नेता कहलाना पसंद करते हैं। न केवल कार्रवाई रोकने की कोशिश की, बल्कि पीड़िता पर मानसिक दबाव डालने का भी प्रयास किया।
महिला अधिवक्ता ने इस संबंध में बार काउंसिल से शिकायत करते हुए सुरक्षा की मांग की है और दोषियों के विरुद्ध कड़ी वैधानिक कार्रवाई की गुहार लगाई है। पीड़िता का कहना है कि अब उन्हें और उनके परिवार को भविष्य में किसी बड़ी घटना का डर सता रहा है।
क्या न्याय के रक्षक ही बनते जा रहे हैं अन्याय के संरक्षक?
इस घटना ने पूरे अधिवक्ता समाज और न्याय व्यवस्था पर गहरा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।
👉 फिलहाल बार काउंसिल की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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