तीन महीने में हुईं 233 सड़क दुर्घटनाएं, 301 लोग घायल एवं 52 की हुई मौत, आदिवासी अंचल झाबुआ में शादी-ब्याह के सीजन में हुए सर्वाधिक सड़क हादसे | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

तीन महीने में हुईं 233 सड़क दुर्घटनाएं, 301 लोग घायल एवं 52 की हुई मौत, आदिवासी अंचल झाबुआ में शादी-ब्याह के सीजन में हुए सर्वाधिक सड़क हादसे | New India Times

शादी-ब्याह का सीजन हर जगह खुशियों भरा होता है
लेकिन पश्चिमी मप्र के आदिवासी अंचल झाबुआ में यही सीजन सर्वाधिक सड़क हादसों के लिए जाना जाता है। इस दौरान हर साल कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं। पुलिस विभाग के आंकड़े भी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं। वर्तमान में आदिवासी समाज में विवाह समारोह के आयोजन हो रहे हैं और बीते तीन महीने के आंकड़े देखें तो जनवरी से मार्च तक 233 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, इसमें 301 लोग घायल हुए तो वहीं 52 लोग असमय काल कवलित हो गए।
अभी जून माह तक शादियों का सिलसिला जारी रहेगा। ऐसे में दुर्घटना के साथ घायल और मृतकों का आंकड़ा बढ़ना तय है।

फरवरी-मार्च में अंचल के प्रमुख पर्व भगोरिया मनाया जाता है। इससे महिने भर पहले ही पलायन पर गए ग्रामीणों के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है। यही समय आदिवासी समाज में शादी ब्याह का होता है। इनमें शामिल होने के लिए अधिकांश ग्रामीण अपनी बाइक से आवागमन करते हैं। जिससे सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ जाता है। नियमों का पालन नहीं करने से लगातार हादसे होते हैं। आदिवासी समाज में शादी ब्याह का दौर जून माह तक चलता है। जैसे ही विवाह समारोह का सीजन खत्म होता है, सड़क दुर्घटना के आंकड़ों में भी कमी आ जाती है।

सात ऐसे कारण जिससे होते हैं सड़क हादसे

1. तेज रफ्तार: तेज रफ्तार के कारण अक्सर सडक़ हादसे होते हैं। इसमें भी सर्वाधिक दुर्घटनाएं तेज रफ्तार से बाइक चलाने के कारण होती है।
2. नशा: शादी ब्याह के समय अक्सर ग्रामीण नशे की हालत में वाहन चलाते हैं, जिससे वे दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।
3. ओवरटेक: जिले की सडक़ों पर होने वाले हादसों में एक प्रमुख वजह ओवरटेक भी है। ट्रैफिक नियम के अनुसार किसी वाहन को दांयी ओर से ओवरटेक करना होता है, लेकिन जल्दी पहुंचने के चक्कर में अक्सर ग्रामीण वाहनों के बांयी ओर से ही ओवरटेक करते हैं, जिसके कारण हादसे होते हैं।
4. अनट्रेंड ड्राइवर: आजकल ग्रामीणों की बारात में वाहनों का लंबा काफिला साथ चलता है। कई बार अनट्रेंड ड्राइवर तेज गति से वाहन चलाते हैं और नियंत्रण खो बैठते हैं। जिससे अपने साथ अन्य लोगों की जान के दुश्मन साबित होते हैं। कुछ ड्राइवर तो बिना लाइसेंस के वाहन चलाते हैं।
5. मोबाइल: आजकल मोबाइल का इस्तेमाल बहुत ज्यादा बढ़ गया है। वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, लेकिन इसके बावजूद लोग बाइक या कार चलाते समय मोबाइल पर बात करते नजर आ जाते हैं। ड्राइविंग के समय मोबाइल पर बात करने से चालक का ध्यान बातों पर रहता है और उसका ध्यान भंग होने से हादसे हो जाते हैं।
6 . ड्राइविंग सेफ्टी: दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट व जूते का उपयोग करना चाहिए।जबकि कार या अन्य बड़े वाहन चलाने के दौरान सीट बेल्ट लगाना चाहिए, लेकिन लोग इन बातों का ध्यान नहीं रखते। जिसके चलते हादसों का शिकार हो जाते हैं।
7. ओवरलोड: जिले में यह सबसे बड़ी समस्या है। जीपों व अन्य वाहनों में ओवरलोड के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती है। कई बार वाहन पलट जाते हैं। इसके बावजूद लोग इस ओर ध्यान नहीं देते। शादी ब्याह के समय तो बस और जीप के ऊपर लटके हुए ग्रामीण आसानी से नजर आ जाते हैं।

पिछले पांच साल में जनवरी से जून माह में सड़क दुर्घटना की स्थति

वर्ष दुर्घटना घायल मौत

    1. 76
    1. 66
  1. 389 .447. 106
    1. 121
    1. 301 . 52

(स्त्रोत: पुलिस विभाग। वर्ष 2023 के आंकड़े मार्च माह तक के हैं।)

लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने से होते हैं हादसे

सड़क हादसे तभी होते हैं जब लोग ट्रैफिक रुल फॉलो नहीं करते। यदि आप लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हैं तो हादसा होना तय है। यह देखने में आया है कि झाबुआ में विवाह समारोह के समय सड़क दुर्घटना का ग्राफ बढ़ जाता है। इसके लिए हमारा अमला लगातार ग्रामीणों को समझाइश दे रहा है: अगम जैन, एसपी, झाबुआ


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By nit

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