नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
सरकार की ओर से कपास को प्रति क्विंटल 15 हजार का दर मिलना चाहिए, CMV से बर्बाद केला फसल की भरपाई, नाफेड की ओर से चना वर्गीय उत्पाद की खरीद कि जाए, फसल बीमा के भीतर की अनुशासन हीनता दूर हो, लंपि बाधित मृत मवेशियों के विषय में किसानों को आर्थिक सहायता मिले इन तमाम मांगों को लेकर मवीआ की ओर से क्लब मार्च निकाला गया। इस आंदोलन में जामनेर ब्लॉक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी लीड रोल में थी। Y point से तहसील कार्यालय तक निकाली गई रैली में रविन्द्र पाटील, प्रदीप पवार, संजय गरुड़, वंदना चौधरी, डी के पाटील, प्रदीप लोढ़ा, डॉ प्रशांत पाटील, विलास राजपूत, अरविंद चितोड़िया, शंकर राजपूत, नटवर चव्हाण, विश्वजीत पाटील, स्नेहदीप गरुड़, शाम सावले, रफीक मौलाना समेत मवीआ के सदस्य शामिल हुए।
कुप्रबंधन से फेल हो गया आंदोलन
वर्तमान स्थिति मे कृषी क्षेत्र की बदहाली के चलते किसानो के बीच भाजपा सरकार को लेकर काफी असंतोष व्याप्त है ! जामनेर में मवीआ की ओर से आयोजित इस आंदोलन में किसानों की ओर से बढ़चढ़कर हिस्सा लिया जाना अपेक्षाकृत था लेकिन आयोजकों की ओर से किए गए कुप्रबंधन के कारण सब कुछ धरा का धरा रह गया। चाहकर भी किसान भारी संख्या में इस आंदोलन में शिरकत करने से बचते नजर आए। तहसील ऑफिस के पास ही हल्लाबोल नुक्कड़ है जहाँ मंच लगाकर सभा के माध्यम से नेतागण किसानों की भावनाओं को खुलकर सार्वजनिक कर सकते थे। इस प्रकार से किसानों के साथ सीधे संवाद की कोई व्यवस्था नहीं की गई। माइक सिस्टम इतना प्रभावी था कि नेता तक अपना आक्रोश ठीक से व्यक्त नहीं कर सके। मीडिया को काफी शोर शराबे के बीच रिपोर्टिंग करना पड़ी। आयोजन से समापन तक सब कुछ इतनी तेजी के साथ गर्मजोशी से निपटा दिया गया कि भाषणबाजी के दौरान वाले समय में आम आदमी इस आंदोलन से जुड़ने से वंचित रह गया। किसानों के दर्द को सरकार तक पहुंचाने के लिए मवीआ की ओर से की गई इस ईमानदार कोशिश को जिम्मेदार पदाधिकारियों के भीतर प्रबंधन के नैतिक जज़्बे के गैर हाजरी ने हरा दिया। विपक्ष की ओर से बजट सत्र के दौरान विधानपरिषद में बेहतर कामकाज किया जा रहा है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.