कोरोना काल में सकारात्मकता ने जिंदगी को नई दिशा दी: राधेश्याम लाहोटी | New India Times

लियाक़त शाह, भुसावल/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

कोरोना काल में सकारात्मकता ने जिंदगी को नई दिशा दी: राधेश्याम लाहोटी | New India Times

कोरोना काल में सकारात्मकता ने जिंदगी को नई दिशा दी और इसी सकारात्मक सोच ने जीवन को जीवंत किया है, ऐसे कहना है भुसावल व्यापारी संघटना के अध्यक्ष राधेश्याम लाहोटी का जो शुक्रवार को महेश्वरी भवन में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे.
लाहोटी ने कहा कि कई लोगों ने कोरोना में प्रतिबंध से दिए गए समय का फायदा उठाया. खुद की एक पहचान बनाई मानवता के काम आए. जिसमे उन्होंने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योगासन और ध्यान किया. कोरोना काल में लोगो को जीवन और स्वास्थ्य के वास्तविक मूल्य का एहसास तब हुआ जब उन्होंने लोगो की सेवाएं की तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार, पर्यावरण की रक्षा आदि के लिए काम किया. प्राकुक्तिक ऑक्सीजन का महत्व लोगो को तब समझ आया जब उसकी जरूरत लोगो को खुद महसूस होने लगी. लाहोटी पुस्तक विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे.
कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार व सरकारी वकील एडवोकेट नितीन खरे थे. मुख्य अतिथि यावल सरस्वती विद्यामंदिर और जूनियर कॉलेज के प्राचार्य जी. डी कुलकर्णी थे. इस अवसर पर प्रकाशक काशिनाथ भारंबे, लेखक श्रीकांत जोशी मंच पर मौजूद थे. कोरोना काल के दौरान वरिष्ठ पत्रकार श्रीकांत जोशी द्वारा प्रकाशित विभिन्न सकारात्मक समाचारों पर आधारित मफल प्रकाशन द्वारा पुस्तक ‘कोरोना-बंदी नही संधि. इस पुस्तक को प्रकाशित किया गया. इस अवसर पर गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. श्रीकांत जोशी ने परिचयात्मक भाषण दिया, जबकि आनंद सपकाले ने धन्यवाद दिया. इस कार्यक्रम में विनीता दीक्षित, जी. जयश्री जोशी, मानसी गोरे द्वारा विशेष उपस्थिति रही. श्रुतिका जोशी, तन्मय जोशी, धनश्री जोशी, गौरव जोशी, श्याम माहेश्वरी, मोहन भराडे, मनीषा इखे, धनश्री इले, उज्जवला बागुल ने इस कार्यक्रम के लिए कठिन परिश्रम लिया.


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