आबिद कुरैशी, आगरा (यूपी), NIT:
रमजान का महीना बरकत वाला महीना होता है, इस महीने में सबसे ज्यादा अल्लाह की इबादत की जाती है. इस्लाम का एक है अहम फरीज़ा रोजा भी है. जो अल्लाह की इबादतों में एक इबादत है. खासतौर से इस महीने में गरीबों की मदद भी की जाती है जिसे सदका ए फितर कहते हैं, यह जानकारी मुफ़्ती शफीकुर्रहमान क़ासमी इमाम व खतीब जामा मस्जिद रुनकता आगरा ने दी है. उन्होंने यह बताया कि रमजान उल मुबारक के मुबारक महीने में गरीबों का ख्याल रखना बहुत ज्यादा जरूरी है. यह महीना लोगों को प्यार और मोहब्बत का पैगाम देता है. उन्होंने कहा कि साल में 11 महीनों के बाद रमजान का महीना आता है इसलिए इस महीने में लोग ज्यादा से ज्यादा अल्लाह की इबादत करते हैं. रमजान का महीना अल्लाह की इबादत के लिए सबसे बेहतर महीना होता है. लोगों को आस-पड़ोस और रिश्तेदारों में गरीब लोगों का भी ख्याल रखना चाहिए और दिल खोलकर खर्च करना चाहिए. मुफ्ती शफीकुर्रहमान कासमी ने कहा कि सदक़ा ए फितर के पैसों को गरीब यतीम बे सहारा और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाना जरूरी होता है. उन्होंने लोगों से कहा कि इस वक्त मुल्क कोरोना महामारी की चपेट में आया हुआ है सभी लोग इस महामारी से निजात पाने की दुआ भी करें.
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