मेहलका इकबाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
ऑल इंडिया हज वेलफेयर सोसाइटी के प्रदेश अध्यक्ष मुकीत खान खंडवा अपनी संरचनात्मक सामाजिक गतिविधियों से युवाओं की टीम को ऊर्जावान बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। मसूरी युवा वेलफेयर सोसाइटी खंडवा की टोली उन्हीं के मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 की दूसरी लहर यक़ीनन भयावह बनकर सामने आई, कितने लोग इस दुनिया से अचानक अचानक विदा होते जा रहे हैं, जिनकी गिनती लगाना भी कठिन हो रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण बहुत से लोग अस्पतालों में गम्भीर हालात में हैं, उनके परिजन बदहवास से अस्पतालों में भटक रहै हैं न खाने की सुध न अपनी हालात की परवाह, किसी तरह डॉक्टर के आगे-पीछे घूम यह सुनने को बेताब कि बस वो यह कह दे आपका मरीज़ अब पहले से बेहतर है,जल्द घर ले जा सकते हो । तक़रीबन सभी सरकारी अस्पतालों के यही बल्कि इससे भी बुरे हालात हैं, सरकारी तंत्र अपने स्तर से काम कर ही रहा है लेकिन ऐसे नाज़ुक वक्त में मददगार बनकर सामने आए हुए लोग, संस्थाए मुबारकबाद के हक़दार हैं, जो अपनी जान की परवाह किये बिना अपने स्तर से जो भी ख़िदमत करते बन पड़ रही है कर रहै हैं, कुछ लोग घरों से मदद कर रहै हैं तो कुछ ज़रूरतमंदों के घर पहुँच खाने-पीने का इंतज़ाम कर उनकी हर मुमकिन मदद करने में लगे हैं, उससे बड़ी मदद यह कि एक और जब अच्छा भला इन्सान कहीं जा रहा हो और बीच मे सरकारी अस्पताल पड़ जाता है तो वह दूर से ही अपना रास्ता बदल लेता है कि कहीं कोरोना का वायरस उसको न लपेटे में ले ले, ऐसे वक्त में अस्पतालों में जाकर जो लोग अपनी खिदमात दे रहै हैं वो सभी शहरवासियों के लिये फ़ख्र की बात होना चाहिये ।
खण्डवा में कोविड वार्ड में भर्ती मरीज़ों के परिजनों को पिछले 12 दिनों से खाने का निःशुल्क वितरण कर युवा मन्सूरी वेलफेयर सोसायटी ने इंसानियत की मिसाल पेश की है, घरों में रहने की हिदायत मिलने के बावजूद सोसायटी के सदस्यों से लोगों की तड़प नही देखी गई उन्होंने फैसला किया चाहे कुछ भी हो जाए ऐसे वक्त में आगे आकर जो बन पड़ेगा करेंगे, तय हुआ कि मरीज़ों के परिजन जिनमें बहुत से आस-पास ग्रामीण क्षेत्रों से भी आतें हैं लॉक डाऊन के चलते उनको खाने की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्यूँ न इन लोगों के बल्कि सभी जगह के लोग जो अस्पताल में अपने मरीज़ों के इलाज के लिये आए हुए हैं उनके खाने का इंतज़ाम किया जाए, इस पर एक मत हो सोसायटी के सभी सदस्य उसी दिन से ख़िदमत में ऐसे जुटे कि आज दिन तक उनकी सेवा का सिलसिला चालू है, सोसायटी के अध्यक्ष आदिल मन्सूरी ने बताया कि हम कोविड मरीज़ों के लगभग 100 परिजनों को रोज़ वेज पुलाव का वितरण कर रहै हैं, इसमें होने वाला रोज़ का खर्च बिरादरी के ज़िम्मेदार और सोसायटी के मेम्बर आपस मे मिलकर बाँट लेते हैं, उन्होंने कहा कि इस नाज़ुक घड़ी में अल्लाह यह काम ले रहा है हमारी खुशकिस्मती है, मॉस्क लगाकर सोश्यल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सोसायटी का हर सदस्य तन-मन-धन से जुड़ सेवा कार्यो में सलंग्न है जिनके योगदान की हर ओर प्रशंसा की जा रही है।
मुस्लिम समाज की मन्सूरी बिरादरी के पढ़े-लिखे नौजवानों ने अपनी बिरादरी के सामाजिक व शैक्षणिक उत्थान के मकसद से 8 साल पहले मन्सूरी युवा वेलफेयर सोसायटी का गठन किया था, बिरादरी मे शिक्षा के प्रचार-प्रसार के साथ रहन-सहन के स्तर को ऊँचा उठाने, युवाओं को स्व- रोज़गार के लिये प्रेरित करने, उनको शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने की दिशा में अब तक सोसायटी की और से किये गए काम तारीफ के काबिल हैं, समाज और बिरादरी से ऊपर उठ सोसायटी ने अब सर्व-धर्म समाज के लोगों की सेवा करने का बीड़ा उठाया है उनकी यह सोच निश्चय ही उन्हें उनके नेक मकसद में कामयाबी दिलाने में कारगर साबित होगी ।
यही छोटी-छोटी कोशिशें छोटे-छोटे प्रयास इंसान को बड़ा आदमी बना देते हैं,बड़ा आदमी का मतलब अमीर होने से नही है बल्कि लोगों की सेवा कर आत्म संतुष्टि हासिल करने से है, जब लोग यह कहते हैं कि आपकी सेवा ने हमें काफी सहारा दिया तब मदद करने वाला ये समझ लेता कि यही उसकी कोशिशों का फल है, उसका उत्साह वर्धन होता है, वह फिर जुट जाता है उन लोगों की सेवा करने में.. जिन्हें उसकी जरूरत होती है।
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