भोपाल के बहुचर्चित नाबालिग बच्चियों से बलात्‍कार के मामले के मुख्‍य आरोपी प्‍यारे मियां को एक और मामले में दिया गया पुलिस रिमांड | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:

भोपाल के बहुचर्चित नाबालिग बच्चियों से बलात्‍कार के मामले के मुख्‍य आरोपी प्‍यारे मियां को एक और मामले में दिया गया पुलिस रिमांड | New India Times

भोपाल के बहुचर्चित नाबालिग बच्चियों से बलात्‍कार के मामले में मुख्‍य आरोपी प्‍यारे मियां का थाना कोहेफिजा द्वारा पुलिस रिमांड समाप्त होने पर कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ माननीय न्यायालय श्रीमती स्‍नेहा सिंह न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के न्यायालय में थाना श्यामला हिल्स ने अपराध क्रमांक 173/ 20 अंतर्गत धारा-420, 406 भादवि में 5 दिनों की पुलिस रिमांड की मांग की और बताया कि आरोपी से सोसायटी के दस्तावेज और ऑडिट रिपोर्ट जप्त करना है साथ ही अपराध में संलिप्त अन्य व्यक्तियों के बारे में जानकारी प्रप्त करनी है और सोसायटी के बारे में महत्वपूर्ण पूछताछ करनी है, जिस पर न्यायालय द्वारा समस्त परिस्थितियों पर विचार उपरांत आरोपी प्यारे मियां को 4 दिन का पुलिस रिमांड दिनाँक 3 अगस्त 2020 तक के लिए प्रदान कियागया। मामले में शासन की और से एडीपीओ श्री योगेश तिवारी ने पैरवी की।

मीडिया सेल प्रभारी मनोज त्रिपाठी ने NIT संवाददाता को बताया कि दिनाँक 24-07-2020 को आवेदक एस एन सिंह अध्यक्ष लेक व्यू इन्क्लेव अपार्टमेंट वेल्फेयर सोसायटी द्वारा थाना श्‍यामला हिल्‍स में आरोपी प्यारे मिया और उसके द्वारा गठित ई लेक व्यू इन्क्लेव अपार्टमेंट वेल्फेयर सोसायटी के विरुद्ध आवेदन दिया था कि प्यारे मियां द्वारा अपने घर के सदस्यों के नाम पर और सोसायटी के अन्य लोगों को कोई जानकारी दिये बिना ई ब्लाक वेल्फेयर सोसायटी गठित कर अंसल अपार्टमेंट के ई ब्लाक की छत पर भारतीय एयरटेल लिमिटेड का टावर लगवा कर वर्ष 2011 से आज तक लगभग 60 लाख रुपये एयरटेल से प्राप्त किये और सोसायटी के लिए कोई काम नहीं कराया जिस पर जांच उपरांत थाना श्यामला हिल्स ने धारा-420, 406 भादवि में मामला दर्ज कर विवेचना में लिया। विवेचना के दौरान ये पाया गया कि समय समय पर सोसायटी की मीटिंग में फर्जी लोगों के नाम और हस्ताक्षर बना कर ऑडिट रिपोर्ट वकील एस जमाली के सहयोग से रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा कराया था। पुलिस द्वारा आरोपी वकील जमाली को गिरफ्तार कर उससे फर्जी ऑडिट रिपोर्ट बनाने वाले कंप्यूटर को जप्त किया और आरोपी वकील को जेल भेज दिया है।


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