दिल्ली, लखनऊ सहित देश भर में दंगे में मरे लोगों के कारण मर्माहत धरनारत महिलाओं ने नहीं मनाई होली | New India Times

अंकित तिवारी, ब्यूरो चीफ, प्रयागराज (यूपी), NIT:

दिल्ली, लखनऊ सहित देश भर में दंगे में मरे लोगों के कारण मर्माहत धरनारत महिलाओं ने नहीं मनाई होली | New India Times

मंसूर अली पार्क में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में चल रहे धरने के 59वें दिन युवतियों ने महिलाओं के सम्मुख एक ओर विभिन्न रंगों और फूलों से भारत के नक्शे के पोस्टर के आस पास रंगोली बना कर जहाँ भारतीय होने का सबूत दिया वहीं दूसरी तरफ लाल, हरे, नीले, पीला और नारंगी रंगों से साझी संस्कृति साझी विरासत का स्लोगन लिख कर रंगों के पर्व होली पर हिन्दू भाईयों और बहनों को बधाई दी। सायरा अहमद, फातमा आदि ने रंगोली व ज़जबाती नारों में होली का रंग भरते हुए गुझिया व पापड़ से अपनेपन का एहसास कराया। पूर्व घोषित होली मिलन और रंगों को एक दूसरे को लगाने का कार्यक्रम एनआरसी और एनपीआर के धरने के दौरान दिल्ली के शाहीन बाग़ और लखनऊ के घंटाघर में शामिल महिलाओं की आकस्मिक मौत व दंगों के दौरान बेगुनाहों की मौत के कारण स्थगित कर दिया गया।

सैय्यद मो० अस्करी ने बताया की इरशाद उल्ला, अफसर महमूद, शूऐब अन्सारी, इफ्तेखार अहमद मंदर, शाहिद अली राजू आदि ने विभिन्न मालियों से एक कुंटल गुलाब की पंखुड़ियों तथा गुलाल का इन्तेज़ाम कर रखा था लेकिन धरने में शामिल लोगों ने देश भर में दंगे में मारे गए बेगुनाहों की दर्दनाक मौत पर खुशियाँ मनाने से इन्कार कर दिया। धरने के 59वें दिन मंसूर अली पार्क में साझी संस्कृति की ओर से होली की बधाई सहित इन्क़ेलाबी नारों और देश भक्ति स्लोगन वाले पोस्टर लगा कर आन्दोलन को जारी रखने का संकल्प लिया गया। मंसूर पार्क में दिन भर खामशी छाई रही। भाषण बाज़ी भी नहीं हुई। सूरज ढ़लने के बाद लाउडस्पीकर से इन्क़ेलाबी नारों की गूंज सूनाई दी। देर रात तक महिलाओं पुरुषों व युवक युवतियों का जुलूस तिरंगा और इन्क़ेलाबी नारा लिखी तख्तियाँ हाथों में लेकर मंसूर अली पार्क में पहुंचते रहे। ज़ीशान रहमानी, फराज़ उस्मानी, अब्दुल्ला तेहामी, मो० हमज़ा आदि मंसूर अली पार्क में इन्क़ेलाबी नारों और महापुरुषों सहित विभिन्न बैनर और पोस्टर लगा कर धरने में शामिल महिलाओं में जोश भरने और धरने को संचालित करने की ज़िम्मेदारी संभाले रहे।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading