नरेंद्र इंगले, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
महाराष्ट्र में 288 सिटो वली महाराष्ट्र विधानसभा के आम चुनावों को लेकर पूरे प्रदेश में सियासी सरगर्मियां काफी तेज हो गई हैं।
महाजनादेश यात्रा के जरीये भाजपा ने अपना प्रचारशंख फुंक दिया है। विपक्षी कांग्रेस-राष्ट्रवादी के कथित दागी नेताओं की भाजपा मे हो रही मेगा भर्ती शायद पित्र पक्ष के कारण रोक दी गयी है जिससे आयारामो के शुद्धीकरण प्रक्रिया भी रुक सी गयी है। वहीं जनाशिर्वाद यात्रा द्वारा जनता का मन टटोल चुकी सत्ता सहयोगी शिवसेना में आत्मबल पर लड़ने की भाषा को अंदरुनी तौर पर परखा जा रहा है, अब तक महायुती की घोषणा नहीं हो सकी है। इधर कांग्रेस एनसीपी गठबंधन में 250 सीटों पर अंतिम सहमति बन चुकी है। सुबे की फ़डणवीस सरकार केंद्र की मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को 370 वाले राष्ट्रवाद का तड़का लगाकर जनता में परोस रही है। इस तड़के से उठने वाली टशन ईतनी प्रभावी है कि उसमें भीषण मंदी, बेरोजगारी, गिरता हुआ जीडीपी, डालर की तुलना में लुडकता रुपया जैसी तमाम समस्याएं हवा होती दिखाई पड़ रही हैं। अब इस तड़के के स्वाद से कितने मतदाता खुद को बचाते नजर आ रहे हैं इसका आंकलन सोशल मीडिया पर चल रही बहस से ही लगाया जा सकता है क्योंकि असली मीडिया के नाम पर बचा है तो सिर्फ और सिर्फ एकतरफ़ा सनक वाला कोई मीडिया जैसा मनोरंजन टाईप प्रकार। फडणवीस सरकार के संकटमोचक कहे जाने वाले जलसंसाधन मंत्री गिरीश महाजन के गृह निर्वाचन क्षेत्र जामनेर में 2009 के अपवाद को छोड़ दें तो हमेशा की तरह इस बार भी त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। गठबंधन के कोटे से NCP की सीट से संजय गरुड मैदान में होंगे। 2009 में महज 7 हजार वोटों के अंतर से पराजित हुए और सभी तबकों में अच्छी पैठ रखने वाले गरुड ने 2014 से ही क्षेत्र में जनसंपर्क आरंभ कर दिया है। हाल ही में तीसरे प्रत्याशी के रुप में गोरबंजारा समुदाय से आने वाले मदन जाधव ने भी अपनी उम्मीदवारी की इच्छा जाहिर की है और उनके इस नामांकन के लिए राष्ट्रीय बंजारा टायगर्स ने एक प्रेस नोट जारी करते समर्थन दिया है। अब जाधव किस पार्टी से लडेंगे यह आने वाला वक्त ही बताएगा। फिल्हाल महायुती के सितारे गर्दीश मे होने के चलते प्रासंगिकता के तौर पर शिवसेना की ओर से डाॅ मनोहर पाटील, दीपकसिंह राजपुत को संभावित प्रत्याशी के रुप में देखा जा सकता है।

महाजनादेश यात्रा के अपने भाषण मे मुख्यमंत्री देवेंद्र फ़डणवीस जामनेर कि जनता कि रजामंदी लेकर ऐलान कर चुके है कि मंत्री महाजन इन आम चुनावों में केवल नामांकन दायर करने आऐंगे और फ़िर सीधे बतौर विधायक मनोनन का अपना प्रमाणपत्र प्राप्त करने वह अपने गृह निर्वाचन पहुचेगे! महाजन की चुनावी कुशलता और नेतृत्व को लेकर मुख्यमंत्री पुर्ण रुप से आश्वस्त हैं और होना भी चाहिए क्योंकि यात्रा महाजनादेश के लिए निकाली गयी थी जिसमें भाजपा के सभी मंत्रियों का योगदान अहम होगा। शायद यह पहला चुनाव होगा कि मंत्रीजी निर्वाचन क्षेत्र में पर्याप्त समय न दे सकेंगे। वैसे भी जामनेर भाजपा का गढ़ है ही फिर चुनाव में सीधी टक्कर के बजाय मुकाबला त्रिकोणीय या चौरस या फ़िर उससे भी पेचीदा हो भी गया तो उसका भाजपा के केडर बेस तथा पारंपारिक वोटरों पर कुछ भी निगेटीव असर नहीं होता है। बहरहाल मंत्रीजी के खिलाफ़ कौन और कितने प्रत्याशी मैदान मे ताल ठोंकते हैं इसी बात को लेकर ही जनता में कौतुहल रहेगा।
