NIT की खबर का असर: सौभाग्य योजना में हुए फर्जीवाड़े को लेकर टीम गठित, प्रथम दृष्टया सौभाग्य योजना में हुए फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा | New India Times

संजय गुप्ता, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

NIT की खबर का असर: सौभाग्य योजना में हुए फर्जीवाड़े को लेकर टीम गठित, प्रथम दृष्टया सौभाग्य योजना में हुए फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा | New India Times

सागर जिला के देवरी में सौभाग्य योजना में हुए फर्जीवाड़े की खबर को एनआईटी द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित करने पर मामले को गंभीरता से लेते हुए विद्युत विभाग के कार्यपालन अभियंता जीपी गोस्वामी के आदेश पर टीम गठित की गई है जिसमें दो ए ई एवं एक अनुविभागीय अधिकारी को शामिल किया गया और टीम द्वारा सौभाग्य योजना के तहत निजी कॉलोनी को पहुंचाए गए लाभ को लेकर जांच कराई गई जिसमें अधिकारी ने कॉलोनी उपभोक्ताओं एवं कॉलोनाइजर के बयान लिए जिसमें उपभोक्ताओं द्वारा बताया गया कि उनके यहां पूर्व में 1 मीटर लगा हुआ था जिसके बाद कॉलोनाइजर द्वारा दूसरा मीटर लगाया गया है जिसका वह बिल स्वयं नहीं भरते हैं बल्कि कॉलोनाइजर स्वयं भरते है इसी प्रकार कॉलोनाइजर ताहिर खान ने बताया कि सौभाग्य योजना के तहत कॉलोनी में 8 खंभे लगाए गए हैं उनके यहां पूर्व से विद्युत कनेक्शन था लेकिन उन्होंने एक कनेक्शन और करवाया है लगभग 5 घर पर एक से अधिक 2 मीटर लगाए गए हैं और सभी को सौभाग्य योजना का दूसरा कनेक्शन दिया गया है और उनके द्वारा ही उपभोक्ताओं के बिल भरे जा रहे हैं उन्होंने बताया कि उनकी कॉलोनी 3- 4 वर्ष पूर्व बनी थी जो पूर्णता पंजीकृत है एवं शासन द्वारा सौभाग्य योजना के तहत उनकी कॉलोनी में खम्बे लगाए गए हैं इसके पूर्व ही विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा देवरी टाउन से एनएच पार करते हुए एक वाटर सप्लायर को भी कनेक्शन दिया गया था जो एक कमर्शियल है और डीपी भी रखवाई गई थी इसी प्रकार के अन्य मामले भी हैं। अब देखना यह है कि इस मामले में मुख्य महाप्रबंधक विद्युत विभाग जबलपुर एवं मुख्य अभियंता द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है?

जानकारी के अनुसार एक कॉलोनी में स्टीमेट के अनुसार लाखों रुपए खर्च करने के बाद खम्बे लगते हैं यदि इसी हिसाब से बात करें तो 20 से 30 लाख के करीब शासन को क्षति पहुंचाते हुए एक कॉलोनाइजर को लाभ दिलाने के उद्देश्य से पोल लगाए गए हैं जिससे शासन को क्षति हुई। जांच अधिकारियों से नगरीय क्षेत्र के लोगों ने मांग की है कि उक्त मामले में संबंधित अधिकारी को यहां से कहीं और पदस्थ कर जांच कराई जाए ताकि जांच प्रभावित ना हो और पूर्ण निष्पक्षता के साथ जांच हो।

सौभाग्य योजना के तहत ऐसी बिल निकली थी जो उपभोक्ता भी नहीं हैं। सौभाग्य योजना में हुए फर्जीवाड़े को लेकर जहां एक उपभोक्ता का एक कनेक्शन होने के बाद भी दो बिल आ रहे हैं और कहीं-कहीं कनेक्शन ना होने पर भी उपभोक्ताओं को बिल मिलने की बात सामने आई थी लेकिन अब एक बहुत बड़ा मामला भी सामने आया है जिसमें उपभोक्ता ना होते हुए भी फर्जी तरीके से बिल विद्युत कंपनी द्वारा निकाले जा रहे हैं जिसके उपभोक्ता कहीं नहीं मिल रहे हैं जिसको लेकर मीटर वाचक दिए गए पते पर जब संपर्क करते हैं तो वहां पर वह लोग ही नहीं मिलते ऐसे लगभग 50 बिल पत्रकार संजय गुप्ता के पास उपलब्ध है जिसकी जांच चल रही है।

करोड़ों की कर्ज में डूबा विद्युत विभाग जिस प्रकार से सौभाग्य योजना सहित अन्य योजनाओं में फर्जीवाड़ा कर फर्जी तरीके से कनेक्शन उपभोक्ताओं के नाम से दिए गए हैं उसके चलते उपभोक्ताओं द्वारा बिजली का बिल नहीं भरा जा रहा है और विद्युत विभाग को लाखों रुपए की क्षति हुई है जिसको लेकर उपभोक्ताओं में भी नाराजगी दिख रही है। उक्त मामले में जब ग्राम चीमाढाना, सिलाई, छेबला, सेमराखेड़ी आदि के लोगों से संपर्क किया गया तो उन्होंने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि उनको जो बिल मिल रहे हैं उनके उनके कोई कनेक्शन ही नहीं है इसलिए बिजली का बिल नहीं भरेंगे और बार बार चक्कर काटने के बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

खबर की प्रमाणिकता पर अधिकारी ने लगाई मोहर

समाचार प्रकाशन की बाद अधिकारियों द्वारा समाचार की प्रमाणिकता के लिए जब संबंधित लोगों से संपर्क किया गया तो उनके द्वारा बताया गया कि सौभाग्य योजना के तहत बड़े स्तर पर किस तरह का फर्जीवाड़ा हुआ है उसके बाद आए जांच अधिकारी एपी सिंह राहुल शाह केएल चौधरी अनुभाग अधिकारी ने बताया कि समाचार जो प्रकाशित किया गया है वह पूर्णता सत्य एवं प्रमाणित है।


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