हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने कपास खरीदी मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने का दिया आदेश | New India Times

ओवैस सिद्दीकी, ब्यूरो चीफ, अकोला (महाराष्ट्र), NIT:

हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने कपास खरीदी मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने का दिया आदेश | New India Times

बीते दिनों विजय चौहान नामक व्यक्ति ने बुलढाना जिले के ग्राम बोराखेडी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी के आरोपी शरीफ शाह, वसिम खान, अंसार खान अदि ने कपास की खरीदी मे धोखाधड़ी की है जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था जिसको आरोपियों ने हाईकोर्ट में चैलेंज किया था जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया है।

बता दें कि आरोपियों का घर-घर जाकर कपास खरीदने-बेचने का करोबार है। शिकायत कर्ता की शिकायत के अनुसार 17 नवम्बर 2018 को आरोपियों ने बोलेरो पिकअप से विजय चौहान के घर आए, जिसकी पंजीकरण संख्या एमएच-30 एल-3591थी। विजय चौहान उन्हें एक कमरे में एकत्र कपास दिखाया। विजय चौहान और आवेदकों ने 5 हजार 800 रु प्रति क्यूटल दर ठहराया। उक्त कपास को आवेदकों द्वारा लाई गई तौल मशीन पर मापा गया और कहा गया कि कपास को आवेदकों द्वारा 12 क्विंटल मापा गया जिसके बाद शिकायतकर्ता ने विवाद खड़ा किया और आरोप लगाया कि, कपास 20 क्विंटल था और आवेदकों ने शरारत की है और उसे धोखा दिया। इसलिए, शिकायतकर्ता ने सहकार धर्म कांटे पर कपास को मापने के लिए जोर दिया और जब इसे मापा गया तो इसका वजन लगभग 19 क्विंटल पाया गया। शिकायत कर्ता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों कखिलाफ भादवि की धारा 420, 34 के तहत अपराध दर्ज कर जांच आरंभ की थी। इसी दरम्यान आरोपियों ने अपने अधिवक्ता मीर नगमान अली, अधि तौसीफ नियाजी के माध्यम से मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ में एफआईआर को खारिज करने हेतू याचिका दायर की जिसकी की सुनवाई न्यायधीश जेड़ ए हक एवं विनय जोशी के न्यायलय में हुई। मामले को समग्र रूप से लेते हुए, यह माना गया कि, एफआईआर में कोई आरोप नहीं हैं कि आवेदकों ने कपास को अपने साथ ले लिया था और 20 क्विंटल के बदले 12 क्विंटल कपास का भुगतान किया था। इसलिए एफआईआर से भी आईपीसी की धारा 420 के तहत अपराध की सामग्री पूरी नहीं थी और आवेदक ने शिकायतकर्ता को किसी प्रकार धोखा नहीं दिया इसलिए एफआईआर को रद्द करने के आदेश दिए।

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