पीयूष मिश्रा/अश्वनी मिश्रा, सिवनी/छपारा (मप्र), NIT:
जनपद पंचायत छपारा सभाकक्ष में पेयजल समस्या को लेकर चली बैठक में उस समय गहमागहमी का वातावरण बन गया जब नगर की सैकड़ों महिलाओं ने उपस्थित केवलारी विधायक सहित पंचायत के सरपंच सचिव और जिला पंचायत सदस्य सहित जनपद उपाध्यक्ष को नगर में दस बारह दिनों में एक बार नल में पानी आने और नगर में मची पानी की हाहाकार को लेकर आड़े हाथों लेते हुए खरी-खोटी सुनाई।
उल्लेखनीय है कि 6 मार्च दिन बुधवार को छपारा जनपद पंचायत के सभागार कक्ष में केवलारी विधायक राकेश पाल के द्वारा छपारा नगर में पेयजल समस्या को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में छपारा तहसीलदार श्रीमती ज्योति ठोके, छपारा जनपद पंचायत सीईओ श्रीमती शिवानी मिश्रा, पीएचई विभाग के एसडीओ आलोक कुमार जैन तथा छपारा पंचायत की सरपंच पूनम सैयम और सचिव बालकराम उईके, उपसरपंच सुरजीत सिंह सहित जिला पंचायत सदस्य ठाकुर जयकेश सिंह और जनपद उपाध्यक्ष नीरज दुबे के साथ साथ नगर के गणमान्य नागरिकों सहित पत्रकार गण भी मौजूद थे।
10 दिनों में एक दिन नलों में आ रहा है पानी
केवलारी विधायक राकेश पाल के द्वारा आयोजित इस बैठक का सिलसिला जैसे ही शुरू हुआ उसी दौरान नगर की सैकड़ों महिलाएं सभाकक्ष में जा पहुंची और विधायक सहित सरपंच सचिव और जिला पंचायत सदस्य तथा जनपद उपाध्यक्ष और विभागीय अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई। आक्रोशित महिलाओं ने बताया कि नगर में 10 दिनों में एक बार नल आ रहे हैं और ऐसे में उनकी दिनचर्या भी प्रभावित होने के साथ-साथ उन्हें पानी के लिए यहां-वहां भटकना पड़ रहा है। महिलाओं ने यह भी बताया कि उन्होंने पानी समस्या को लेकर कई बार सीएम हेल्पलाइन 181 में भी शिकायत दर्ज करा चुकी हैं लेकिन आज तक पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है। ज्ञात हो कि दो-तीन दिन पूर्व नगर के कुछ वार्डों की सैकड़ों महिलाएं ग्राम पंचायत पहुंची थी और वहां पर भी पानी की समस्या को लेकर उन महिलाओं ने जमकर हंगामा मचाया था।
निर्माण कार्यों पर दे रहे हैं ध्यान, पेयजल समस्या जस की तस
जनपद पंचायत छपारा के सभाकक्ष में सैकड़ों महिलाओं ने अपना आक्रोशित प्रदर्शित करते हुए केवलारी विधायक और तहसीलदार सहित जनपद सीईओ और जिला पंचायत सदस्य तथा जनपद उपाध्यक्ष और विभागीय अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाते हुए बताया कि छपारा पंचायत के द्वारा सिर्फ निर्माण कार्यों की ओर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है जबकि नगर में दिसंबर माह से ही पानी की राही त्राहि मची हुई है और अब आलम तो यह है कि 10 दिनों में एक बार नलों से पानी आ रहा है।इस गंभीर पेयजल समस्या से निपटने के लिए ना तो ग्राम पंचायत के पास कोई कार्य योजना है और ना ही जनपद पंचायत के पास और जिला प्रशासन भी इस गंभीर पेयजल संकट से जानकर भी अनजान बना हुआ है।
जिला प्रशासन के ऊपर उठ रही हैं उंगलियां
छपारा नगर में पेयजल संकट को लेकर नगर के पत्रकारों ने दिसंबर माह से ही अपने अपने समाचारों के माध्यम से जिला प्रशासन को आने वाले समय में भीषण पेयजल संकट की जानकारी से अवगत करा दिया था लेकिन 2 माह बीतने के बाद भी जिला प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठे तमाशा देख रहा है। जबकि अभी मार्च का महीना ही चल रहा है और गर्मी की शुरुआत भी नहीं हुई है ऐसे में आने वाले माह में छपारा नगर में पानी के लिए हाहाकार मचना तय है। क्या जिला प्रशासन आग लगने के बाद कुआं खोदने की तैयारी में जुटेगा यह सवाल भी नगर की जनता पूछ रही है।
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