वी.एम.सिंह के नेतृत्व में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समीति के वर्किंग ग्रुप ने महामहिम राष्ट्रपति से की मुलाकात | New India Times

वी.के.त्रिवेदी, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT; ​वी.एम.सिंह के नेतृत्व में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समीति के वर्किंग ग्रुप ने महामहिम राष्ट्रपति से की मुलाकात | New India Timesवी.एम.सिंह के नेतृत्व में विगत दिवस अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के वर्किंग ग्रुप ने महामहिम राष्ट्रपति जी से मुलाकात कर देश के किसानों की समस्याओं एवं समिति द्वारा तैयार किये गए किसान मुक्ति बिलों से अवगत कराया।

समिति के राष्ट्रीय संयोजक वी.एम.सिंह ने महामहिम को अवगत कराया और कहा कि आज स्थिति इतनी गम्भीर है कि पिछले 15 साल में साढ़े तीन लाख किसान देश में आत्महत्या कर चुके हैं। किसान की स्थिति सुधारने के लिए हमने आखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति बनाई और देशभर में भ्रमण करने के बाद इस नतीजे पर पहुंचे कि जब तक किसान को फसल की लागत का डेढ़ गुना दाम ओर कर्ज से मुक्ति नहीं मिलेगी तब तक किसान नहीं बच सकता।​वी.एम.सिंह के नेतृत्व में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समीति के वर्किंग ग्रुप ने महामहिम राष्ट्रपति से की मुलाकात | New India Timesइन दोनों मुद्दों पर सरकारें बार-बार किसानों से वादा तो करती हैं लेकिन इसका अनुपालन नहीं करती हैं । इसके अनुपालन के लिए हमारे साथियों द्वारा इन दोनों बिलों को संसद में प्राइवेट मेम्बर बिल के रूप में संसद में डाला गया हैं और इन पर चर्चा के लिए संसद में विशेष सत्र बुलाया जाए जिससे किसानों को फसल का डेढ़ गुना दाम व कर्ज से मुक्ति मिल सके। उन्होंने महामहिम से यह भी कहा कि आधी रात को जीएसटी को लागू करने के लिए सत्र बुलाया जा सकता है तो देश का पेट भरने वाले किसानों के लिए विशेष सत्र क्यों नहीं। वी.एम.सिंह ने महामहिम को यह भी बताया कि जब 3 गन्ना किसानों की मण्डरवा में 11 दिसम्बर 2003 को मौत हो गई थी तब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद का विशेष सत्र बुलाया था, अगर उस समय 3 लोगों की चर्चा सदन में हो सकती थी तो साढ़े तीन लाख की क्यों नहीं। इसलिए किसानों के हित की बात करने के लिए सरकार उचित कार्यवाही करे।


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