ओवैस सिद्दीकी/जफर खान, अकोला (महाराष्ट्र), NIT;
आकोट शहर एक संवेदनशील शहर के नाम से जाना जाता है जहां पर कब दो गुट द्वारा तनाव निर्माण हो जाए पता नहीं चलता। शहर में पुलिस की कड़ी सुरक्षा होने के बाद भी तनाव निर्माण होने में समय नहीं लगता है जिसपर राजकीय पक्ष अपनी रोटी सेंक लेते हैं। शहर में ज्यादातर लड़ाई केवल यातायात को लेकर होती है और यह लड़ाई देखते ही देखते सांप्रदायिक तनाव में बदल जाती है।
इसी के मद्देनजर शहर के यातायात विभाग में कर्तव्य दक्ष एवं तत्पर कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है। शहर के शिवाजी चौक से बस स्टैंड रोड तथा सोनू चौक परिसर काफी संवेदनशील माना जाता है, इसी के चलते अकोट शहर के पुलिस निरीक्षक गजानन शेळके ने इस परिसर के लिए यातायात विभाग के जगदीश सिंह ठाकुर, गणेश फोकमारे, अनिल शेषराव लापूरकर आदि की नियुक्ति कर शहर की यातायात में सुधार लाने का प्रयास किया है। इसी के चलते उपरोक्त अधिकारियों की मेहनत की वजह से शहर की यातायात में काफी सुधार देखने को मिला है।
यातायात के नियम वाले फलक, बॅरिगेट लगा आम जनता में जनजागरण का सराहनीय कार्य किया है, इसी के साथ इन यातायात कर्मचारियों का परिसर में सामाजिक एकता बनाए रखने में भी उल्लेखनीय योगदान रहा है। वे अपने कर्तव्य के साथ मानव धर्म भी निभाते हैं, जिसके चलते परीसर में एकता और अखंडता कायम है। उनकी इसी मेहनत की वजह से शहर में विगत दिनों के मुकाबले दुर्घटनाओं में बड़े पैमाने पर कमी आई है, ऐसे कर्त्याव्य दक्ष यातायात के कर्मचारियों को प्रशासन ने पुरस्कृत किया जाना चाहिए।
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