शमसुद्दोहा, ब्यूरो चीफ, गोरखपुर (यूपी), NIT:
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के प्रान्तीय अध्यक्ष इं. हरिकिशोर तिवारी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मण्डल प्रदेश के कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान हेतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिला। प्रान्तीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बीच कर्मचारियों की समस्याओं, भर्ती, अनावश्यक न्यायिक विवादों पर एक सकारात्मक चर्चा हुई। इस चर्चा में प्रदेश के अधिनस्थ चयन आयोग, शिक्षा आयोग आदि में चयन प्रक्रिया अत्याधिक धीमी होने का आकड़े पदाधिकारियों ने रखा। इं. हरिकिशोर तिवारी ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में 2015 से अब तक काफी रिक्तियॉ कतिपय कारणों से देरी का शिकार हो रही हैं। वर्ष 2022 में कुल 7 परिक्षाएं अधिनस्थ चयन आयोग द्वारा सम्पन्न कराई गई। इसी प्रकार 2023 में कुल चार और 2024 में मात्र 6 परीक्षाएं सम्पन कराई गईं। ऐसी स्थिति में प्रदेश में विभिन्न संवर्ग के 50 प्रतिशत पद रिक्त पड़े हैं। इनमें कई संवर्ग तो ऐसे हैं जिनमें कर्मचारियों की कमी के कारण जमीनी स्तर पर कार्याे का निस्तारण धीमी गति से हो पा रहा है।
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि कार्मिकों के न्यायालय से सम्बंधी विवादों को निपटाने के लिए सरकार द्वारा एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई थी जिसमें कर्मचारी प्रतिनिधि के रूप में इं. हरिकिशोर तिवारी को सदस्य तथा इस समिति में उच्च न्यायालय के स्थाई अधिवक्ता को सदस्य नामित किया गया था लेकिन विभागीय विवाद फोरम नामक इस समिति की बैठके न होने के कारण अनचाहे प्रकरण न्यायालय में चल रहे हैं। इससे सरकार के साथ साथ कार्मिक का धन और समय दोनों बरबाद हो रहा है। जबकि कार्मिक के कई ऐसे प्रकरण जो न्यायाल में चल रहे हैं जिनकों आपसी समझौते या विभागीय विवाद समाधान फोरम पर निपटाया जा सकता है। बैठक में आउटसोर्सिग, कैशलेस इलाज, पुरानी पेंशन व्यवस्था पर चर्चा की गई। कार्मिकों के लिए अब तक किए जा रहे दस प्रतिशत के अंशदान को बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने तथा साढ़े दस हजार करोड़ रूपये जो पिछली सरकार द्वारा कर्मचारियों के खाते में ना डालकर अन्य मद में लगाए गए थे मुख्यमंत्री द्वारा उक्त धनराशि कर्मचारियों के खाते में डलवाने का काम किया है तथा पेंशन में सरकार के अंश को 10% से बढ़ाकर 14% करने में महती भूमिका अदा की है। उन्होंने आठवां वेतन आयोग को उत्तर प्रदेश में भी तुरंत लागू कर दिया। तिवारी ने इस दौरान यह भी कहा कि अब पेंशन में अन्तिम सुरक्षा और उस पर मंहगाई भत्ता के लिए प्रधानमंत्री के साथ बैठक में निर्णय तो दिया गया परन्तु अभी भी कुछ कामियाँ हैं उन्हे ठीक कराने हेतु अनुरोध किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने परिषद पदाधिकारियों की बातों को सुनने के उपरान्त समस्याओं और जरूरतों का हल निकालने का आश्वासन दिया।
परिषद के गोरखपुर के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव और महामंत्री मदन मुरारी शुक्ला ने कहा कि गोरखपुर जनपद से भी कर्मचारी का एक प्रतिनिधि मंडल माननीय मुख्यमंत्री जी से शीघ्र मुलाकात करेगा जिससे कर्मचारियों की सभी समस्याओं का समाधान कराया जा सके।
मुख्यमंत्री और प्रांतीय अध्यक्ष के मुलाकात पर हर्ष व्यक्त करने वालों में जनपद गोरखपुर के जिला अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव, गोविन्द जी, मदन मुरारी शुक्ल, इंजीनियर राम समुझ, राजेश सिंह, अशोक पांडेय, पंडित श्याम नारायण शुक्ल, कनिष्क गुप्ता, अनूप कुमार, अनिल द्विवेदी, ई. सौरभ श्रीवास्तव, रतन लाल, डॉ०एस०के० विश्वकर्मा, इजहार अली, अशोक सिंह, महिला मोर्चा की अध्यक्ष विनीता सिंह, मंत्री डॉक्टर सरिता सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रीता सिंह, फुलई पासवान, अनूप कुमार, बंटी श्रीवास्तव, जामवंत पटेल, यशवीर श्रीवास्तव, राजू कुमार, रामधनी पासवान, निसार अहमद आदि कर्मचारियों ने आज बैठक कर इस वार्ता के सकारात्मक परिणाम निकालने की उम्मीद जताई क्यूंकि यह वार्ता बहुत सकारात्मक रही। मुख्यमंत्री की तरफ से जल्द ही कुछ अच्छे दिशा निर्देश जारी होने की उम्मीद है।
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