नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडणवीस की पहली टर्म के आखरी साल से ओबीसी के राजकीय आरक्षण के नाम पर पेंडिंग लोकल बॉडीस के चुनाव 2022 के ग्राउंड पर करवाने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दिए हैं। जस्टिस सूर्यकांत की खंडपीठ ने अपने आदेश में लिखा है कि आयोग एक महीने के भीतर चुनाव का नोटिफिकेशन जारी करे। निकायों में प्रभाग रचना और ओबीसी आरक्षण समेत तमाम परिस्थितियां 2022 में जैसी थी ठीक वैसी हि रहेंगी उनमें कोई परिवर्तन नहीं होगा।

क्षेत्र विस्तार का सपना टूटा:
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित होने वाली नगर परिषद के तौर पर जलगांव जिले की जामनेर नगर परिषद का नाम इतिहास में दर्ज होगा। जामनेर नगर परिषद ने अपने आसपास के पांच गांवों की ग्राम पंचायतों को अपने अंदर विलीन करने के प्रयास शुरू किए थे जिन पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब रोक लग चुकी है। गांवों को समाहित करने के विचार को राजनीतिक हलको में साम्प्रदायिक सोच के तड़के के साथ द्वेषपूर्ण माना जा रहा है। वाकी बुद्रुक , वाकी खुर्द , शिंगाइत , पलासखेड़ा गुजराचे , टाकली बुद्रुक की गरीब जनता ने नगर परिषद में शामिल होने के बाद उनपर आजीवन लगने वाले गब्बर सिंह टैक्स की रचना समझकर विस्तार के ख़िलाफ़ लामबंद होना आरंभ कर दिया है।
दिवाली के पहले महाराष्ट्र की सभी जिला परिषद महानगर पालिका नगर परिषद नगर पंचायत पंचायत समितियों के आम चुनाव हो जाएंगे। इस मामले पर New India Times ने दो न्यूज़ रिपोर्ट पब्लिक की है। महाराष्ट्र कृषि सहायक संघटना ने एक दिन का ध्यानाकर्षण आंदोलन किया है। लैपटॉप , कृषि सहायकों संग सहायक , स्थायी नियुक्ति, पदों में उचित अनुपात , पोकरा MREGS इत्यादि बारे में सुसुत्रता की मांग करी गई।
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