जफर खान, अकोला (महाराष्ट्र), NIT:

अकोला शहर के उत्तर ज़ोन परिसर में अवैध होर्डिंग्स का बोल बाला नजर आ रहा है। NIT के संवाददाता द्वारा जब क्षेत्र अधिकारी से सम्पर्क करने पर छुट्टी का बहाना दिया गया वहीं अन्य कमर्चारियों से बात करने पर टाल मटोल किया गया। जबकि क्षेत्र अधिकारी उत्तर देने में असमर्थ हैं टाल-मटोल किया जा रहा है। इससे साफ ज़ाहिर होता है कि होर्डिंग अवैध रूप से लगाए गये हैं तथा किसी भी मानकों का पालन नहीं किया गया है। बैनरों की परमिशन है या नहीं इसका उत्तर आज भी अप्राप्त है। अगर यह होर्डिंगस अवैध रुप से लगाए जा रहे हैं और क्षेत्र अधिकारी को सूचना देने के उपरांत भी अपराध दर्ज नहीं हुए तो क्या इसमें कोई सांठ-गांठ है या राजनीतिक डर, ऐसे प्रश्न नागरिक कर रहे हैं। यहां लगाए गए होर्डिंग साइज भी असमान्य हैं, आखिर किसकी शह पर होर्डिंग का गोरखधंधा शुरू है? क्या मनपा प्रशसन को मुम्बई जैसी अवैध होर्डिंग घटना का इंतजार है? दूसरी ओर डिजिटल इंडिया को ठेंगा बताकर निष्कृष्ठ प्रर्दशन करते हुए होर्डिंग परमिशन साइट बन्द है। कर्मचारी अधिकारी किस ओर अकोला मनपा को ले जा रहे हैं यह इनके कारभार देखकर अनुमान लगाया जा सकता है। सवाल यह भी निर्माण हो रहा है कि जब वेबसाइट बन्द है और परमिशन प्रक्रिया ऑनलाइन है तो इन बैनर धारकों ने परमिशन लिया कैसे और परमिशन नहीं लिया तो क्षेत्र अधिकारी कार्रवाई करने से क्यों गुरेज कर रहा है? क्या कोई सांठ-गांठ है, ऐसे प्रश्न नागरिकों द्वारा किए जा रहे हैं।
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