अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:
कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई युवाओं एवं छात्र छात्राओं के मुद्दों को लेकर लगातार आवाज उठा रही है। इसी को लेकर सोमवार को एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव व मध्यप्रदेश प्रभारी महावीर गुर्जर राष्ट्रीय सचिव व मध्यप्रदेश प्रभारी रितु बराला और एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे के निर्देश पर प्रदेशभर में कलेक्ट्रेट कार्यालयों में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे गए। भोपाल में भी एनएसयूआई जिलाध्यक्ष अक्षय तोमर के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा।
भोपाल जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने बताया कि मध्यप्रदेश के छात्रों एवं युवाओं के हितों में एनएसयूआई की चार प्रमुख मांगे हैं जिसमें पहली प्रमुख मांग हैं पेपर लीक पर कड़ा कानून बनाने एवं परीक्षा में गड़बड़ी के मामलों में राज्य सरकार को आगामी एक माह में सख्त कानून बनाकर सभी शिक्षा संस्थानों की प्रतियोगी और अन्य परीक्षाओं पर करना चाहिए जिसमें 7 वर्ष के कारावास व संगठित अपराध की स्थिति में 20 वर्ष के कारावास के साथ साथ 1 करोड़ का जुर्माने की सजा दी जाए।
दूसरी प्रमुख मांग छात्रवृत्ति को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल करने की मांग सरकार की लापरवाही के चलते एससी/एसटी/ओबीसी छात्रों की छात्रवृत्ति का भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा हैं एनएसयूआई की मांग है कि प्री मैट्रिक पोस्ट मैट्रिक तथा कालेजों की छात्रवृत्ति की समय सीमा लोक सेवा गारंटी अधिनियम की तरह निर्धारित की जाए वहीं शिष्यवृत्ति और आवास भत्ते संस्थान में प्रवेश के साथ ही लाडली बहना योजना की तरह प्रति माह खाते में भुगतान हो तीन लाख रुपये सालाना से कम आय वाले परिवारों के समस्त विद्यार्थियों को भी छात्रवृत्ति दी जानी चाहिए।
तीसरी प्रमुख मांग प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव करवाए जाएं एनएसयूआई प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में विद्यार्थियों में नेतृत्व की क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से इसी सत्र से ही छात्र संघ चुनाव करवाने की मांग करती है।
चौथी प्रमुख मांग प्रदेश में हो सबको शिक्षा सबको प्रवेश की नीति शासकीय महाविद्यालय में प्रवेश से वंचित विद्यार्थियों के लिए आवश्यकता अनुसार सीट बढ़ाने का फैसला राज्य सरकार द्वारा लिया जाना चाहिए नवीन विषय एवं कोर्स शुरू करते हुए सीट संख्या में वृद्धि की जाना चाहिए। एनएसयूआई प्रदेश के विश्वविद्यालयों में रोजगार मूलक और प्रगतीशील सिलेबस लागू करने की मांग करती है प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रावास की संख्या को इसी सत्र में दोगुना किए जाने की जरूरत है। इसके साथ ही एनएसयूआई इसी सत्र में 100 महिला छात्रावास और 4 लाख रुपये से कम आय वाले परिवारों के बच्चों के लिए 100 EWS छात्रावास खोले जाने की मांग करती है सरकारी स्कूल और कॉलेजों में रिक्त पड़े शैक्षणिक पदों को समय सीमा निर्धारित कर भरे जाने चाहिए।
एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष व अभियान के प्रदेश मीडिया प्रभारी रवि परमार ने कहा कि अगर सरकार छात्र मांग पत्र की प्रमुख मांगों को नहीं पूरा करेंगी तो एनएसयूआई का चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा और आगे आने वाले समय में छात्रहितों और प्रदेश के युवाओं के हक के लिए मुख्यमंत्री आवास का घेराव भी करेंगे।
इस मौके पर प्रतीक यादव, अमित बुवाड़े, आदर्श रघुवंशी, सुजीत चौधरी, अंशुमन सोनी और अन्य एनएसयूआई कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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