मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
दिल्ली राज्य हज वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष जनाब शकील अहमद ने अपनी सरगर्म टीम के साथ सोसायटी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों का शानदार बाविक़ार इस्तक़बाल किया। इस दौरान फ़रीदाबाद हज वेलफेयर सोसायटी के मेम्बरान भी मौजूद थे। रविवार को दिल्ली में हिंदी उर्दू अदबी संगम की ओर से एक राष्ट्रीय कार्यक्रम में हज वेलफेयर सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकीत खान खंडवा को शरीक होना था, साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकीत खान खंडवा के साथ संस्था हज वेलफेयर सोसायटी के राष्ट्रीय महासचिव सैय्यद रियाज़ (धार एमपी), मोहतरमा फ़रहत आलम साहिबा और शकील अहमद को एजाज़ व इकराम से नवाज़ा जाना था।
प्रोग्राम के खत्म होते ही जामा मस्जिद के पास खिदमतगार(हज सेवक) हाजी नसीम साहब के मकान पर एक इसतक़बालिया (स्वागत) तकरीब (समारोह) मुनअकिद (आयोजित) की गई जिसमें हाजी शकील अहमद को सोसायटी की ओर से नियुक्ति पत्र और आई कार्ड सौंपा गया। इस दौरान हाजी असलम, हाजी नसीमुद्दीन, मुफ़्ती निसार साहब, सिराज खान, हाजी शमीम आलम, मोहम्मद भाई, मौलाना सैय्यद मोहम्मद मुनाज़िर वगैरह मौजूद थे। मौजूद मेहमानों का शाल गुलपोशी से इस्तक़बाल किया गया।सोसायटी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष शकील अहमद ने जल्द हज सहायता केंद्र खोले जाने की बात कही। दिल्ली टीम को मुबारकबाद देते हुए राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने सभी का शुक्रिया अदा किया।
हज वेलफेयर सोसायटी के पदाधिकारी का दिल्ली में क्यों हुआ सम्मान: जानिए परदे के पीछे की कहानी: सुनिए राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकीत खान खंडवा की ज़बानी दिल्ली के रहवासी समाज सेवी और लेखक जनाब सैय्यद अली अख्तर नक़वी से मेरे पुराने ताल्लुकात हैं, साल भर मैं उनकी और वो मेरी सरगर्मी देखते, पढ़ते रहते हैं। इसलिए वक़्त-वक़्त पर हम दोनों एक दूसरे की हौसला अफ़ज़ाई करते रहते हैं। नक़वी साहब, साल में एक बड़ा प्रोग्राम मुनअकिद (आयोजित) करते हैं जिसमें देश भर के साहित्यकार, समाज सेवियों को बुलाकर उनका सम्मान करते हैं। मुझे भी हर साल कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता देते हैं। बड़ी मोहब्बत के साथ और मैं टालमटोल कर मोबाईल पर उन्हें प्रोग्राम की मुबारकबाद दे देता हूं। लेकिन इस साल उन्होंने मुझे कुछ ऐसा घेरा कि ना बोलने की हिम्मत ही नहीं हुई। नक़वी साहब की मोहब्बत के आगे आखिर मुझे घुटने टेकना ही पड़ा।
इस वक़्त मसरूफियत बहुत है हज के फार्म का सिलसिला उरुज़ पर होने के साथ चेन्नई की नेशनल कांन्फ्रेंस की तैयारी भी बहुत ज़्यादा है लेकिन “जंग और मोहब्बत में सब जाईज़ है”के मुहावरे को ध्यान में ऱख कल दिल्ली में होने जा रहे संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और हिंदी-उर्दू अदबी संगम तंज़ीम के ज़ेरे एहतेमाम लेखक मेले और सम्मान समारोह में शिरकत करने का मन बनाकर ट्रेन में बैठ गए हैं। ट्रेन रफ्तार वाली है। सुबह 9 बजे पहुंच 10 बजे प्रोग्राम में शामिल होना है। नक़वी साहब से मैंने कहा था मैं कोई लेखक नहीं हूं। बोले हमने आपके लिए समाज सेवियों को भी सम्मानित करने का फैसला कर लिया है। बचने की कोई सूरत नज़र नहीं आ रही थी।
बहरहाल कल दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में मेरे अलावा हज वेलफेयर सोसायटी के राष्ट्रीय महासचिव सैय्यद रियाज़ (धार एमपी) और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लखनऊ की फ़रहत आलम साहिबा को भी समाज सेवा के मैदान में नुमाया खिदमात के लिए नवाज़ा जाएगा।कल के इस प्रोग्राम में देश भर के साहित्यकारों, लेखकों, शायरों, समाज सेवियों से मुलाक़ात का मौका मिलेगा। यह भी अपने आपमें किसी सम्मान से कम नहीं है। हज वेलफेयर सोसायटी अपनी ओर से इस तरह के राष्ट्रीय आयोजन के लिए मुबारकबाद देती है। आयोजकों के साथ, उन शख्सियात को भी, जिन्हें एज़ाज़ व इकराम से नवाज़ा जाना है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.