स्टेट हाइवे के आसपास अतिक्रमण, अतिक्रमण की वजह से रहता है हादसों का डर | New India Times

इदरीस मंसूरी, गुना (मप्र), NIT:

स्टेट हाइवे के आसपास अतिक्रमण, अतिक्रमण की वजह से रहता है हादसों का डर | New India Times

गुना जिले की कुभंराज तहसील के मृगवास कस्बे से निकलने वाला स्टेट हाइवे अब अवैध अतिक्रमण का शिकार होने लगा है दरअसल मृगवास कस्बे से चांचौड़ा बीनागंज जाने वाला स्टेट हाइवे बटावदा के आसपास इन दिनों अवैध अतिक्रमण की चपेट में आ चुका है बटावदा गांव के पास कुछ स्थानीय ग्रामीणों ने दोनों ओर सड़क किनारे अवैध रूप से तार फेंसिंग कर दी है जिससे सड़क की चौड़ाई कम हो गई है ऐसे में सड़क से आवागमन करने वाले राहगीरों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है, दरअसल तार फेंसिंग और बागड़ कर देने से स्टेट हाइवे के दोनों ओर साइड में पर्याप्त जगह नहीं बची है ऐसे में वाहनों को ओवरटेक करने एवम वाहनों को साइड देने में दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है। कस्बे से करीब सात किलोमीटर दूर स्थित बटावदा गांव के कुछ ग्रामीणों द्वारा अलग अलग जगह पर बागड़ कर अवैध रूप से सड़क के पास तक अतिक्रमण कर लिया है, वहीं कस्बे से कुछ दूरी पर पोल्ट्री फार्म के आसपास भी अतिक्रमण की सूचना ग्रामीणों से मिली है।

स्टेट हाइवे के आसपास अतिक्रमण, अतिक्रमण की वजह से रहता है हादसों का डर | New India Times

बताया जाता है की अतिक्रमण वाली जगह पर आए दिन हादसों के होने का भय बना रहता है, सबसे ज्यादा हादसे का खतरा रात्रि के समय रहता है जब मवेशी सड़क पर बैठे रहते हैं ऐसे में सड़क किनारे वाहनों को उतारते समय दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है जिसके चलते कई बार हादसे हो चुके हैं, इतना ही नहीं कई जगहों पर सड़क किनारे लगे संकेतकों को भी नहीं छोड़ा, संकेतकों पर भी अतिक्रमण हो जाने से राहगीरों को संकेतक नज़र नहीं आते जिसकी वजह से राहगीरों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है, संकेतक नहीं दिखने से राहगीर रास्ता भटक जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं है।

गौरतलब है कि सीसी सड़क का निर्माण करने वाली कंपनी के द्वारा स्टेट हाइवे के अलावा दोनों ओर साइड का भी निर्माण किया गया था जिससे की वाहनों को साइड में उतारने में आसानी हो सके लेकिन ग्रामीणों के द्वारा किए गए अतिक्रमण के कारण सड़क संकरा गई है और जिसके कारण हादसों का भय बना रहता है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading