मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
शाही जामा मस्जिद बुरहानपुर की खतीब व ईमाम हज़रत सैयद इकराम अल्लाह बुखारी ने बुधवार को सोशल मीडिया के माध्यम से उनके बड़े भाई एवं युवा धार्मिक विद्वान हज़रत सैयद अनवार उल्लाह बुखारी के बड़े पिताजी हज़रत सैयद तिलत तमजीद उर्फ़ बाबा मियां (मुतवल्ली शाही जामा मस्जिद बुरहानपुर) के इंतेक़ाल पर उन सभी महानुभावों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है, जिन्होंने संकट की इस घड़ी में उनके और उनके परिवार के प्रति मोबाइल फोन या संदेश के माध्यम से या व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर सांत्वना पेश की। पेश इमाम साहब ने सोशल मीडिया के माध्यम से जो संदेश प्रसारित किया है उसका अनुवाद अपने पाठकों के लिए निम्न अनुसार प्रस्तुत किया जा रहा है: अस्सलामु अलैकुम और रहमतुल्लाही और बरकातुह।
मेरे बड़े भाई व सैय्यद अनवार अल्लाह बखारी के ताया (बड़े अब्बा)। शहर ए अज़ीज़ बुरहानपुर के तामीर और तरक्की पसंद, इंसानियत नवाज़ और दूर अंदेश, कौम वा मिल्लत के हमदर्द, मरहूम और मगफूर हज़रत सैय्यद तिलत तमजीद बुखारी अलमारूफ़ बाबा मियां के विसाल (इन्तेक़ाल) पर जिन अहबाब ने हमें तअज़ीयत पेश की, नमाज़ जनाजा और तदफ़ीन में शामिल रहे, और नेज़ दौरान-ए-अलालत (बीमारी के दौरान) अहल-ए-शहर (शहर वासी) और मुताललेकीन ने मिज़ाज पुरसी के साथ इस सब्र आज़मा हालात में हमारे अहल-ए-खाना के साथ जिस अख़लाक का मज़ाहिरा किया। हम ब समीमेे-ए-क़ल्ब (हृदय की अतः गहराइयों से) तमाम हज़रात का तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं और साहबज़ादा अनवार अल्लाह मियां से हर फ़र्द की मुलाक़ात और ख़बरगीरी हमारे लिए मोहब्बतों का अनमूल सर्माया है। खुदा इस रिश्ते और तालुकात को क़ाईम और दाईम रखे आमीन। जजाकुमुल्लाहू खैरा। सभी से अधिक दुआओं की दरखवास्त करते हैं।
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