कासिम खलील, बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT; शासन द्वारा चलाई जा रही कोई भी योजना पर सही ढंग से अमल किया जाए इस लिए उचित दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं और योजना पर प्रभावी अमल के लिए शासन निर्धारित गाईड लाइन तय करता है ताकि योजना में किसी प्रकार की धांदली और घोटाला ना होने पाए।
शासकीय वितरण प्रणाली अर्थात राशनिंग विभाग द्वारा कई योजना चल रही हैं, किंतु बुलढाणा जिला आपूर्ति विभाग की मनमानी के कारण इस विभाग की योजनाएं प्रभावी रूप से नहीं चल रही हैं। यही कारण है कि गरीब जनता को दिया जाने वाला सरकारी अनाज कालाबाजारी में बेख़ौफ़ हो कर बेच दिया जा रहा है।अनाज की ढुलाई के लिए जिस ठेकेदार को अनाज यातायात का ठेका दिया गया है उस पर जिला पूर्ति अधिकारी बी.यू. काले कुछ ज़्यादा ही मेहरबान नजर आ रहे हैं। खास बात तो यह है कि हाल ही में जिला आपूर्ति अधिकारी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाते हुए अनाज ढुलाई के लिए ठेकेदार को 60 अतिरिक्त वाहनों को मंजूरी दे डाली, जबकि ये अधिकार शासन नियम अनुसार जिला आपूर्ति अधिकारी को नहीं बल्कि जिलाधीश को है। ऐसा नियम होते हुए भी इस प्रकार जिला आपूर्ति अधिकारी शासकीय नियमों को ठेंगा बताते हुए अपनी मनमानी कर रहे हैं। इसी कारण आज जिले में राशन अनाज की कालाबाजारी जोरों पर चल रही है।बुलढाणा ज़िले में पिछले कुछ माह से राशन तस्करों का राज देखने को मिल रहा है। गरीब जनता के लिए विभिन्न योजनाओं का अनाज हकदारों को ना देते हुए उसे आपूर्ति विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से राशन माफिया काले बाजार में बेच रहे हैं। पिछली कुछ घटनाओं पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि जिले में राशन माफियाओं की एक जंजीर है जो निडरता के साथ इस काली करतूतों को अंजाम दे रहे हैं तथा कई बार पकड़े जाने के बाद उन्हें कुछ रुपए ले-देकर छोड़ दिया जाता है। राशन के अनाज की कालाबाजारी की मुख्य घटनाओं में शेगांव के एक गोदाम पर छापा मारकर राशन का माल पकड़ा गया था किंतु इस मामले में अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। दूसरा मामला नांदुरा में घटा जहां ओम राठी नामक राशन दुकानदार के गोदाम पर छापा मारा गया था, यहां से भी बड़ी संख्या में राशन का अनाज बरामद किया गया था। इसी प्रकार चिखली में यातायात ठेकेदार का एक ट्रक कालाबाजारी में जाते वक्त पकड़ा गया था। इसी प्रकार सिंदखेड राजा तहसील के ग्राम बीबी में पुलिस ने नाकाबंदी कर के एक मालवाहक वाहन को पकड़ा था जिसमें राशन का अनाज ले जाया जा रहा था। इसी तरह मेहकर तहसिल के ग्राम टिटवी में एक मकान में रखा राशन का अनाज पकड़ा गया था। हाल ही में धाड पुलिस ने भी एक मालवाहक वाहन को पकड़ा था। इन सभी बड़ी घटनाओं की बारीकी से जांच होना जरुरी थी किंतु पुलिस ने अभी तक यह पता नहीं लगाया है कि यह माल किसका था और इसे कहाँ बेचने के लिए ले जाया जा रहा था? अभी हाल ही में खामगांव में यातायात ठेकेदार का एक ट्रक अनाज पकड़ा गया जो तकरीबन 20 टन है। इन घटनाओं पर नजर डालें तो यह बात स्पष्ट पता चलती है कि अनाज ढुलाई ठेकेदार की मर्जी से तथा आपूर्ति विभाग की सहमति से ही यह कालाबाजारी अंजाम दी जा रही है। इतना सब कुछ होने के बावजूद भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नजर नहीं आती है।राशन का अनाज खामगांव स्थित एफसीआई के गोदाम से तालुका स्तरीय गोदाम तक तथा तालुका स्तरीय गोदाम से राशन दुकान तक पहुंचाने का ठेका अमरावती की “श्रीनाथ ट्रांसपोर्ट कंपनी” को दिया गया है। इस कंपनी ने बुलढाणा जिलाध्यक्ष से शासन परिपत्र 26 सितंबर 2012 अनुसार करारनामा करते हुए शासन नियमों का पालन करने का शपथ पत्र दिया है किंतु यातायात ठेकेदार पूरी तरह से इन शासन नियमों का पालन नहीं कर रहा है। ठेकेदार को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने अनाज ढुलाई के वाहनों पर हरा रंग मारे तथा उस पर स्पष्ट शब्दों में लिखे शासकीय वितरण प्रणाली महाराष्ट्र शासन। ध्यान देने वाली बात तो यह है कि 22 जून को चिखली के पास पकड़ा गया ट्रक जिस पर हरा रंग नहीं दिया गया था तथा धाड़ में पकड़े गए वाहन भी ठेकेदार द्वारा अधिग्रहित था किंतु उस पर भी हरा रंग नहीं दिया गया था और अब खामगांव में पकड़ा गया ट्रक वह भी अनाज ढुलाई के लिए शासन नियमों की धज्जियां उड़ा कर चलाया जा रहा था। खास बात यह है कि 1 अगस्त को जिला आपूर्ति अधिकारी बी.यू. काले ने ठेकेदार को अतिरिक्त 60 वाहन अनाज ढुलाई के लिए चलाने की अनुमति दी किंतु शासन परिपत्रक 26 सितंबर 2012 के अनुसार राशन अनाज की ढुलाई के लिए वाहन इस काम पर लगाने के लिए वाहनों की मंजूरी जिलाधीश से लेना जरूरी है किंतु यहां आपूर्ति अधिकारी काले ने अपने स्तर पर ही इन 60 अतिरिक्त वाहनों को अनुमति दे डाली। खामगांव में पकड़ा गया ट्रक भी इन 60 वाहनों में से एक है। शासन नियम बताता है कि राशन अनाज की ढुलाई के लिए अधिग्रहित किए जाने वाले वाहन से जुड़े सभी कागजात तथा वाहन मालक का शपथ पत्र लिया जाना जरुरी है किंतु पता चला है कि जिला आपूर्ति अधिकारी श्री. काले ने इन 60 वाहनों के कोई दस्तावेज और मालिकों के शपथपत्र भी नहीं लिए हैं। जिससे यह स्पष्ट होता है कि आपूर्ति विभाग में किस प्रकार काम शासकीय नियमों को ताक पर रखकर किये जा रहे हैं।
जिलाधीश,एसपी अब एसआईटी द्वारा कराएं जांच
बुलढाणा ज़िले में राशन की कालाबाजारी आसमान छू रही है। आए दिन राशन माफियाओं पर कार्रवाई की जा रही है किंतु गुजरते समय के साथ इस मामले की जांच बारीकी से नहीं हो पा रही है। पिछली कुछ घटनाओं को देखें तो कहीं ना कहीं इस कालाबाजारी में राशन यातायात ठेकेदार की भी संलिप्तता नजर आ रही है। जिले में राशन अनाज की कालाबाजारी के 7 मामले ऐसे है जो बड़े गंभीर हैं। बुलढाणा जिले के वरिष्ट अधिकारी जिलाधीश डॉ.चन्द्रशेखर पुलकुंडवार व जिला एसपी शशिकुमार मीणा को इस तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है। इतना ही नहीं बुलढाणा जिले से राशन तस्करी के काले कारोबार को रोकने के लिए अब यह जरूरी हो गया है कि पिछले सात-आठ माह में राशन कालाबाजारी के जो मामले घटे हैं उनकी बारीकी से जांच के लिए एक “एसआईटी” का गठन किया जाए और इसी के माध्यम से इन मामलों की जांच हो। इससे यह पता चल जाएगा कि बुलढाणा जिले की गरीब जनता का कितना राशन का अनाज कालाबाजारी में बेच दिया गया है।
जिला आपूर्ति अधिकारी पर कार्यवाही क्यों नहीं?
राशन का अनाज गरीब जनता के लिए है न की कालाबाजारी में बेचने के लिए। आज बुलढाणा जिले में राशन के अनाज की कालाबाजारी जोरों पर चल रही है। ऐसे में जिला आपूर्ति विभाग की ज़िम्मेदारी संभाल रहे श्री बी.यू. काले की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह इस कालाबाजारी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए किंतु कड़े कदम उठाना तो दूर की बात रही वही इस कालाबाजारी में दोषी समझे जा रहे हैं? राशन अनाज ढुलाई के ठेकेदार के तीन वाहन राशन के अनाज की कालाबाजारी करते हुए पकड़े गए और यह तीनों वाहन शासन के नियमों का उल्लंघन करते हुए चलाए जा रहे थे। राशन ढुलाई के लिए चल रहे वाहन नियमानुसार हैं या नहीं इसकी जांच की जवाबदारी जिला आपूर्ति अधिकारी की है किंतु वह आंखें बंद किए हुए हैं। अभी हाल ही में जिला आपूर्ति अधिकारी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाते हुए यातायात ठेकेदार के 60 वाहनों को अनुमति दे डाली, जब की ये अनुमति देने की जिम्मेदारी जिलाधीश की है। जिला आपूर्ति अधिकारी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं और उन पर अब तक वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया जाना आम जनता के समझ से परे है। जिलाधीश डॉ.चंद्रशेखर पुलकुंडवार की छवि जनता में एक कर्तव्यदक्ष और ईमानदार अधिकारी के रूप में है। ऐसे में अब यह जरुरी हो गया है कि राशन के अनाज की कालाबाजारी करने वालों का साथ देने वाले तथा अपने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा कर काम कर रहे जिला आपूर्ति अधिकारी को भी खामगांव में पकड़े गए ट्रक के मामले में आरोपी बनाया जाना ज़रूरी है। अब कर्तव्यदक्ष जिलाधीश श्री. पुलकुंडवार आगे क्या कदम उठाते हैं ये देखना होगा।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.