सहारा से लिए 10 करोड़ रूपये पर जवाब दें शिवराज;  सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में विशेष जाँच दल(SIT) बनाकर मामले की हो जाँच: आलोक अग्रवाल | New India Times

अबरार अहमद खान

भोपाल, NIT; आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश संयोजक श्री आलोक अग्रवाल ने आज एक पत्रकार वार्ता में बताया कि सहारा समूह पर की गयी इनकम टैक्स विभाग की रेड में प्राप्त दस्तावेजों में दर्शाया गया है कि 29 सितम्बर 2013 व् 1 अक्टूबर 2013 को सहारा समूह द्वारा “सी एम् एम् पी” को कुल नगद 10 करोड़ रूपये श्री नीरज वशिष्ठ के माध्यम से दिए गए. सितम्बर, अक्टूबर, 2013 में श्री शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री थे. अतः आम आदमी पार्टी मांग करती है कि शिवराज जी मध्य प्रदेश की जनता को जवाब दें कि इतनी बड़ी राशि क्यों ली गयी और इस राशि का क्या किया गया? आम आदमी पार्टी मांग करती है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में विशेष जाँच दल(SIT) बनाकर इस अत्यंत गंभीर मामले की जाँच की जाये।

उल्लेखनीय है कि 22 नवम्बर 2014 को इनकम टैक्स विभाग को सहारा समूह के कार्यालय पर छापा मारने पर कुछ दस्तावेज प्राप्त हुए थे. इन दस्त्वेजों में चौंका देने वाले तथ्य सामने आयें हैं. इन दस्तावेजों में 29 सितम्बर 2013 की एक एंट्री है जिसमें तत्कालीन “सी एम् एम् पी” को श्री नीरज वशिष्ठ के माध्यम से 5 करोड़ रुपए नकद दिया जाना दिखाया गया है. एक अन्य एंट्री में पुनः 1 अक्टूबर 2013 को तत्कालीन “सी एम् एम् पी” को श्री नीरज वशिष्ठ के माध्यम से 5 करोड़ रु नगद दिया जाना दिखाया गया है. इस प्रकार कुल 10 करोड़ रु की नगद राशि दी गयी दिखाई गयी है. इस सन्दर्भ में निम्न तथ्य अत्यंत महत्वपूर्ण हैं:

1. सितम्बर, अक्टूबर 2013 में श्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य मंत्री थे.

2. श्री नीरज वशिष्ठ मुख्यमंत्री की आवास व्यवस्था के डिप्टी सेक्रेटरी हैं.

3. प्राप्त दस्तावेजों में इनकम टैक्स विभाग की डिप्टी डायरेक्टर अंकिता पाण्डेय के हस्ताक्षर है, यह हस्ताक्षर सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राम जेठमलानी के आग्रह पर फोरेंसिक जाँच में सही पाये गए हैं.

यह भी उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार फैला है. व्यापम घोटाले ने न सिर्फ एक पीढ़ी का भविष्य बर्बाद किया वरन इस घोटाले में 50 मौते भी हुईं और मंत्री तक जेल में गए. आज इस घोटाले की जाँच माननीय सर्वोच्च न्यायालय को अपनी निगरानी में करनी पड़ रही है. हाल ही में नए नोट आने के बाद भ्रष्टाचार की पहली घटना राजधानी भोपाल में ही हुई जब माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधिकारी नए नोटों में रिश्वत लेते हुए पकडे गए. ऐसे में जनहित में जरुरी है कि तत्कालीन व् वर्तमान मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की आम जनता को जवाब दें कि उनको सहारा समूह ने 10 करोड़ रु क्यों दिए?

उनकी आवास व्यवस्था के डिप्टी सेक्रेटरी श्री नीरज वशिष्ठ की इसमें क्या भूमिका थी?

उन्होंने इस 10 करोड़ रु का क्या किया?

22 नवम्बर 2014 की इनकम टैक्स विभाग की रेड के बाद इस प्रकरण पर आगे की करवाई अंतिम परिणाम तक नहीं पहुंची है. अतः स्पष्ट है की सम्पूर्ण मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. आम आदमी पार्टी मांग करती है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में विशेष जाँच दल(SIT) बनाकर इस अत्यंत गंभीर मामले की जाँच की जाये।

 


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading