बारां जिला के सुंडा चैनपुरा के लोगों को अब तक नहीं मिल रही बिजली-पानी | New India Times

फ़िरोज़ खान

बारां (राजस्थान), NIT; बारां  जिले के किशनगंज ब्लॉक के खांकरा ग्राम पंचायत के गांव सुंडा चैनपुरा के लोगों को अभी तक भी बिजली नही मिली है । इसी गांव की महिला वार्ड पंच मंजू बाई ने बताया कि यहॉ 67 सहरिया परिवार निवास करते हैं और करीब 10 लोगों ने बिजली की फाइलें जमा करा रखी हैं,  उसके बाद भी अभी तक इन लोगों को बिजली कनेक्शन नहीं दिए गए हैं। महिला पंच ने बताया कि पीने के पानी की किल्लत है। गांव के पास ही एक ट्यूबवेल का बोर है, जिसमें न तो हैण्डपम्प लगा हुआ है, और न ही मोटर डली हुई है और साथ ही उसका मुंह भी खुला हुआ है। उसमें एक प्लास्टिक के डिब्बे को रस्सी से बांध कर लोग उससे पीने का पानी खींचते हैं या फिर पास में एक नाला निकल रहा है, उसमें गड्डा खोद रखा है जिसमें डिब्बे से पानी भर भरकर लाते हैं। उन्होंने बताया कि 30 परिवार ऐसे हैं,  जिनके पास रहने के लिए आवास नही है,  यह परिवार आज भी घांस फुस की टपरियां बनाकर रह रहे हैं। यह सभी परिवार वह हैं  जिनको बंधुआ मजदूरी से मुक्त करवाया था और यह लोग अपनी खाते की भूमि पर ही हाली लगे हुए थे । जिनको संकल्प संस्था व् जाग्रत महिला संग़ठन ने प्रसाशन के सहयोग से मुक्त करवाकर करीब 625 बीघा भूमि जो इनके खाते की है,  उसको जमीदार के कब्जे से मुक्त करवाकर इनको इनकी जमीन वापस दिलवाकर उस पर खेती करने में सहयोग किया था।सउस समय प्रसाशन ने इनकी पुरी मदद की थी,  मगर आज भी इनके घरों में बिजली नहीं है और न ही पीने के लिए पानी है। एक तरफ राज्य सरकार दीनदयाल उपाध्यय योजना के तहत जिन गाँवों में बिजली नही है उनको जोड़ने में लगी है,  वही दूसरी ओर आज भी सुंडा चैनपुरा के लोगों को बिजली नसीब नही है। आज भी जब इनके गांव में जाएं तो लगता है कि यह परिवार आज भी गुलामी का जीवन जी रहे हैं,  जबकि इस गांव के अधिकांश लोग मनरेगा में मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं और जब मनरेगा में काम नही मिलता है, तो खेती करते हैं या फिर खुल्ली मजदूरी करते हैं। यहाँ के लोगों ने बताया कि डीलर ने पांच माह से केरोसिन नहीं दिया है। इस कारण चिमनी जलाने के भी लाले पड़ रहे हैं। लोग अंधरे में जीवन यापन कर रहे हैं। इसी तरह लुक्ष्मीपुरा  के 2 हैण्डपम्प खराब पड़े हुए हैं । इस कारण ग्रामवासियों को पीने का पानी नही मिल रहा है । इस गांव की महिला कग्गो बाई ने बताया कि लोगों को इधर उधर खेतों में लगी ट्यूबवेल से पानी लाकर अपना काम चलाना पड रहा है । वहीँ लोगों को मनरेगा में रोजगार नहीं मिल रहा है।  मौके पर पहुंचकर इन लोगों के आवेदन करवाये गये हैं। वहीं  गांव के लोगों ने बताया कि अधिकारियों के द्वारा अन्य गाँवों में जनसुनवाई की जाती है,  पर इस गांव में कभी भी जनसुनवाई नहीं की गयी। अगर किसी अधिकारी की जनसुनवाई होती तो आज हमारी समस्या का समाधान हो चूका होता। ग्राम पंचायत के कार्यवाह  ग्रामसेवक रामलखन ने बताया कि इस गांव में पानी की किल्लत है, मगर यहां पानी नही निकलता है । पुर्व में भी कई बार यहाँ ट्यूबवैल खुदवा दिए मगर उसमें पानी नहीं निकलता है। इस कारण कुछ दूरी पर स्थित धार्मिक स्थान के पास एक ट्यूबवैल स्वीकृत की गयी, वहाँ से पाइप लाइन डालकर इनको पीने के पानी की व्यवस्था की जायेगी। इसकी स्वीकृति भी मिल गयी है। जल्दी ही इसका काम प्रारम्भ कर दिया जायेगा और लक्ष्मीपुरा के लोगोंको 1 दिसम्बर तक मनरेगा में काम दे दिया जायेगा।


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