अली अब्बास, ब्यूरो चीफ, मथुरा (यूपी), NIT:
बृज यातायात एवं पर्यावरण जनजागरूकता समिति रजि. उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में चलाए जा रहे सड़क सुरक्षा महाअभियान 2022 के अंतर्गत आज दीक्षित इंश्योरेंस फिनकॉर्प रजि. मथुरा पर वाहन स्वामियों को जागरूक करते हुए समिति के संस्थापक अध्यक्ष विनोद दीक्षित ने बताया कि वाहन चोरी होने पर बीमा कंपनी से क्लेम लेने में होने वाली कठिनाइयों का समाधान करते हुए लोगों को जागरूक किया। इस जागरूकता महाअभियान में दीक्षित इंश्योरेंस फिनकॉर्प रजि मथुरा के निर्देशक नरेंद्र दीक्षित ने बताया कि मथुरा जनपद राजस्थान व हरियाणा के बॉर्डर से लगा होने के कारण वाहन चोरियों की घटनाओं और दूसरे जनपदों से मथुरा जनपद में अधिक होती है। जिन वाहनों का बीमा होता है चोरी चले जाने के बाद ऐसे वाहनों का क्लेम देती है। वाहनों के चोरी होने के बाद बीमा कंपनी से क्लेम लेने में होने वाली कठिनाइयों के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए निर्देशक नरेंद्र दीक्षित ने वाहनों स्वामियों को विभिन्न बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया…
1. किसी भी वाहन स्वामी का बयान जब भी चोरी हो तो घटनास्थल से ही 112 नंबर पर वाहन चोरी होने की सूचना दर्ज कराएं और पास के पुलिस चौकी या थाने में जाकर लिखित रूप से वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर के इंजन नंबर व चैस नंबर के साथ रंग (कलर} दर्ज करवाते हुए एक कॉपी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के नाम पर रजिस्ट्री जरूर करें।
2. वाहन बीमा कंपनी को 24 से 48 घंटे के अंदर लिखित रूप से या फिर दिए गए टोल फ्री नंबर पर गाड़ी चोरी होने की सूचना आवश्यक रूप से दर्ज करवाएं। वाहन चोरी होने के बाद महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होती है जैसे रजिस्ट्रेशन कॉपी, ड्राइविंग लाइसेंस, बीमा पॉलिसी, गाड़ी का बिल, वाहन की दोनों चाभी, अगर व्यवसायिक वाहन है तो परमिट व फिटनेस दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है।
3. वाहन की एक चाभी गुम होने पर वाहन स्वामी को चाभी गुम होने की एफआईआर दर्ज करानी चाहिए क्योंकि जब वाहन चोरी होता है तो बीमा कंपनी दोनों चाभी लेती है ऐसे में वाहन स्वामी द्वारा एक चाभी दिए जाने पर बीमा कंपनी बीमित राशि से कुल 25 परसेंट तक कलेम देते समय काट लेती है जिससे वाहन स्वामियों को हजारों किसी को लाखों रुपए का नुकसान होता है। वाहन चोरी के समय बीमा कंपनी किसी भी ड्राइविंग लाइसेंस पर क्लेम नहीं देती है, अगर आपका ड्राइविंग लाइसेंस टू व्हीलर का है तो केवल टू व्हीलर के लिए ही मान्य रहेगा जबकि आपका वाहन फोर व्हीलर है तो वाहन का लाइसेंस भी फोर व्हीलर का ही होना चाहिए। अगर व्यवसायिक वाहन है तो ड्राइविंग लाइसेंस व्यवसायिक होना चाहिए अन्यथा आपको किसी भी स्थिति में क्लेम नहीं मिलेगा।
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