अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति पुनः प्रारम्भ किये जाने की मांग को लेकर विधायक आरिफ मसूद के नेतृत्व में प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम सौंपा गया ज्ञापन | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति पुनः प्रारम्भ किये जाने की मांग को लेकर विधायक आरिफ मसूद के नेतृत्व में प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम सौंपा गया ज्ञापन | New India Times

अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति पुनः प्रारम्भ किये जाने की मांग को लेकर विधायक आरिफ मसूद के नेतृत्व में लिली टाकिज़ के सामने भारी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता इकट्ठा होकर राज भवन पर विरोध प्रदर्शन के लिए रवाना हुए थे लेकिन बड़ी संख्या में तैनात पुलिस बल ने लिली टॉकीज के सामने ही प्रदर्शनकारीयों को रोक लिया।प्रदर्शनकारी केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए महामहिम राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर छात्रवृत्ति पुनः प्रारम्भ किये जाने की मांग की।

इस मैके पर विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि आरटीई में सिर्फ गरीबी रेखा के राशनकार्ड धारक बच्चों को ही एडमिशन मिलता है। सभी गरीब लोगों के पास गरीबी रेखा राशन कार्ड नहीं होता है। केन्द्र के इस फैसले से मध्यम वर्ग के एक बड़े तबके के बच्चे छात्रवृति ना मिलने के कारण शिक्षा से वंचित हो जाएंगे।

आगे आरिफ मसूद ने कहा कि विगत कई वर्षों से भारत सरकार द्वारा कक्षा 1 से 8वीं तक के अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं को प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही थी। दिनांक 15/11/2022 के पश्चात केन्द्र सरकार/राज्य सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा कक्षा 1 से कक्षा 8वीं तक के छात्र-छात्राओं के आवेदन निरस्त कर दिये गये हैं जिसके कारण अल्पसंख्यक छात्र-छात्राएं शिक्षण सत्र 2022-23 की छात्रवृत्ति से वंचित हो गये हैं जो कि अनुचित है। मंत्रालय द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया गया जिसमें यह दर्शाया गया है कि केन्द्र सरकार द्वारा कक्षा 1 से कक्षा 8वीं के छात्र-छात्राओं को आरटीई के माध्यम से नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है इस लिये यह छात्रवृत्ति के लिये पात्र नहीं हैं।

आप को बता दें कि आरटीई के अंतर्गत केवल 25 प्रतिशत छात्र-छात्राएं ही निःशुल्क शिक्षा प्राप्त कर पाते हैं। उनमें भी केवल वह छात्र-छात्राएं जो कि पात्र हैं और उन्हें भी ऑनलाईन लॉटरी के माध्यम से प्रवेश मिल पाता है बाकि अन्य छात्र-छात्राओं के द्वारा अशासकीय विद्यालय में फीस के माध्यम से ही अध्ययन कार्य किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त शासकीय विद्यालयों में प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति प्रोत्साहन राशि के रूप में मात्र 1000/- रूपये दी जाती है उसे भी बंद कर दिया गया है।
विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति विगत कई वर्षों से भारत सरकार की ओर से दी जा रही है जिसे बंद किया जाना अनुचित है। गरीब अल्पसंख्यक समुदाय के कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों को इस छात्रवृत्ति से शिक्षा प्राप्त करने में बड़ी सहायता प्राप्त हो जाती थी लेकिन इसे बंद कर दिये जाने के कारण अल्पसंख्यक समुदाय का शिक्षा का विकास अवरूद्ध होगा। अल्पसंख्यक समुदाय वैसे ही शिक्षा के मामले में पिछड़ा हुआ है और सरकार का यह कदम अल्पसंख्यक समुदाय को शिक्षा से और दूर कर देगा।


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