रहीम शेरानी/राजा मानसिंग, मेघनगर/झाबुआ (मप्र), NIT:
पर्यूषण पर्व के पांचवें दिन भगवान महावीर के जन्म वाचन में भगवान के 9 माह गर्भ में रहते हुए माता त्रिशला को आए हुए 14 स्वप्नों का का वांचन विस्तारपूर्वक करने की परंपरा सदियों से जैन समाज में चली आ रही है।
इस बार काफी वर्षों बाद जैन समाज में मंदिर मार्गी एवं स्थानकवासी के पर्यूषण पर्व साथ में रहे। नगर में प्रतिदिन श्री शांति सुमतिनाथ जिनालय एवं दादा गुरदेव मंदिर व श्रीगौड़ी पार्श्वनाथ मंदिर में भगवान की सुंदर आँगी प्रतिदिन की जा रही है। इस दौरान नगर में आज प्रातः गौड़ी पार्श्वनाथ मंदिर पर भगवान के जन्म वाचन के साथ 14 सपनाजी की बोली का लाभ अलग अलग परिवार द्वारा लिया गया। श्री गौड़ी पार्श्वनाथ व नाकोड़ा भैरव जी की आरती के लाभार्थी श्री सुरेशचंद पूरणमल जैन परिवार द्वारा ली गई एवं मंगल दिवा का लाभ श्री सुनील कुमार शांतिलाल संघवी परिवार द्वारा लिया गया। दादा गुरु की आरती का लाभ श्री मदनलाल शांतिलाल संघवी परिवार द्वारा एवं प्रभु के पालने का लाभ श्री राहुल दिनेश कुमार वागरेचा परिवार द्वारा लिया गया।
पश्चात सकल जैन संघ का स्वामी वात्सल्य श्री गौड़ी पाश्र्वनाथ ट्रस्ट एवं महावीर फेडरेशन द्वारा रखा गया।
इसी तरह स्थानकवासी संघ द्वारा दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक भगवान का जन्म वांचन स्वाध्याय हेतु पधारे श्रीमती मंगला बहन एवम निधी बहन जैन महेश्वर के द्वारा किया गया।
इस बार नगर में साधु संतों का चातुर्मास नहीं होने के उपरांत भी छोटी बड़ी तपस्याएँ चल रही है जिसमें सुरेश जी धोका वर्षीतप, विपुल धोका, आदि धोका एकासन से वर्षीतप यशवंत बाफना, यशवंत कटारिया, पंकज वागरेचा, जयेश झामर, मंजू बहन भंडारी, सरोज बहन कुवांड, सीमा बहन झामर, नैहा बहन बाफना सभी अठ्ठाई तप की ओर अग्रसर होते हुए आज सभी ने 5 उपवास के प्रत्याख्यान लिए हैं।
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