अशफाक कायमखानी, सीकर/जयपुर (राजस्थान), NIT:
भारत भर मे विख्यात जिले के दांतारामगढ़ तहसील के खाटूश्यामजी नगरपालिका क्षेत्र स्थित खाटूश्यामजी मंदिर मे पिछले महीने मंदिर परीसर में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ जमा होने पर भगदड़ मचने से तीन महिलाओं की दर्दनाक मोत होने के बाद मचे बावल के बाद एक एक करके तहसील के चार अधिकारियों को निलम्बित कर दिया गया था। लेकिन जिला स्तरीय अधिकारियों पर लटकी तलवार के बाद कल देर रात सीकर जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी को भी सीकर से हटा कर अमित यादव को लगा गया है।कलेक्टर का हटना चाहे रुटीन कहे लेकिन जनता इनके हटने को मंदिर हादसे विवाद से जोड़कर देख रही है।
मंदिर परीसर के बाहर की व्यवस्था का जिम्मा प्रशासन का होता है। एवं मंदिर परीसर मे व्यवस्थाओं का जिम्मा मंदिर प्रबंध समिति का होता है। हादसा मंदिर परीसर मे होने के बावजूद आनन फानन मे एक एक करके थानेदार रिया चोधरी, उप पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र सिंह,एसडीओ राजेश मीणा व तहसीलदार विपुल चोधरी को निलम्बित किया गया था। अधिकारियों को बेकसूर बताते हुये उनके निलम्बन के खिलाफ जनता मे आक्रोश फैलने से लोग आंदोलित हो गये थे। राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने भी अपने अधिकारियों को निर्दोष बताते हुये धरना व प्रदर्शन शुरू करके रखा है।
मंदिर के देर रात प्रबंध समिति द्वारा पट बंद करने से दर्शनार्थियों की भीड़ जमा होने के सुबह सवेरे पट खुलने पर दर्शनार्थियों के परीसर मे दर्शन करने जाने के समय मची भगदड़ से तीन महिलाओं की मोत होने के बाद दांतारामगढ़ के स्थानीय कांग्रेस विधायक चोधरी वीरेन्द्र सिंह ने हादसे का कारण पट बंद करने व वीआईपी दर्शन कराने को बताते हुये मंदिर को सरकार द्वारा देवस्थान विभाग के अधीन लेने की मांग को लेकर रैली निकालकर प्रदर्शन करने से मामले मे काफी गरमाहट आ गई। देवस्थान मंत्री के साथ जिले की प्रभारी शंकुतला रावत के सीकर आगमन पर विधायक सिंह ने स्थानीय लोगो की भारी भीड़ के साथ उनको वास्तविक स्थिति से अवगत कराते हुये हादसे की सम्पूर्ण जांच कराने के साथ मंदिर को देवस्थान विभाग के अधीन करने की मांग फिर से रखी।
सामाजिक कार्यकर्ता रामदेव खोकर द्वारा मंदिर हादसे की एक रिपोर्ट स्थानीय थाने मे दर्ज करवाने पर पुलिस द्वारा मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों को थाने बूलाकर पूछताछ शूरु करने पर उनकी गिरफ्तारी की गलत अफवाह फैलने पर राजस्थान सरकार के मंत्री राजेंद्र गुढा उसी थाने तक पहुंच गये थे। मंदिर पुजारी व मंत्री एक ही बिरादरी के तालूक रखते है। वही दुसरे मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी जांच रिपोर्ट आने से पहले ही प्रबंध समिति का बचाव करते हुये उन्हें क्लीन चीट अपने ब्यानो से दी। जिसपर स्थानीय विधायक वीरेन्द्र सिंह ने प्रैसवार्ता करके अपने तरीके से पलटवार किया। जिसके चलते कांग्रेस के मंत्रियों व विधायक मे अपसी खींचतान बढने से कांग्रेस सरकार की जगहंसाई होने लगी।
कुल मिलाकर यह है कि मामले की जांच पुलिस के अलावा राज्य सरकार स्तर पर सम्भागीय आयुक्त विकास कुमार भाले कर रहे है। दो दिन पहले जांच के सिलसिले मे सम्भागीय आयुक्त खाटूश्यामजी आकर गये है। एवं जनता को अगामी बीस दिनो मे इस सम्बंध मे कुछ कहने व लिखित मे देने का समय देकर गये है। हकीकत तो जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आयेगी। लेकिन चल रही जांच से अहसास होता है कि निलम्बित किये गये अधिकारी प्रथमदृष्टया निर्दोष नजर आते है। जिनकी बहाली शीघ्र हो सकती है। मंदिर की व्यवस्था व वीआईपी दर्शन के साथ मंदिर को देवस्थान विभाग के अधीन लेने की मांग के लेकर कांग्रेस नेताओं मे ही खींचतान शुरू हो चुकी है।
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