अवयस्क बालिका का अपहरण कर बलात्कार करने वाले दो आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई 20-20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 15000 - 15000 रूपये अर्थदण्ड की सज़ा | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

अवयस्क बालिका का अपहरण कर बलात्कार करने वाले दो आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई 20-20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 15000 - 15000 रूपये अर्थदण्ड की सज़ा | New India Times

बुरहानपुर के अपर सत्र न्यायाधीश श्री आर के पाटीदार ने नाबालिग बालिका का अपहरण कर बलात्कार करने वाले आरोपीगण दंगल सिंह बामनिया (35) पिता पोत्या बामनिया निवासी शरबद मोहल्लाा, जिला बुरहानपुर एवं आरोपी प्यारसिंग उर्फ गंजिया (22) पिता सुमारसिंह को धारा 366, भा.द.स. एक्ट के अपराध के लिये 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 अर्थदण्ड, धारा 376(3) भा.द.सं. 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10000 अर्थदण्ड व धारा 323 सहपठित धारा 34 भा.दं.सं के अपराध के लिये 3 माह सश्रम कारावास से दंडित किया। अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धावे ने बताया कि, दिनांक 17-03-2019 को फरियादिया और उसका पति उसकी बडी लडकी, छोटी लडकी एवं लडका खाना खाकर बाहर आंगन में सो रहे थे। रात करीब 11-30 बजे फरियादिया की नींद खुली तो दो अज्ञात व्याक्ति फरियादिया की छोटी लडकी को पकड़ कर ले जाने लगे, तो फरियादिया के पति ने उनका विरोध किया तो एक आरोपी ने लकड़ी दाहिने हाथ व दाहिने जांघ के उपर मारा जिससे फरियादिया को चोट आई एवं आरोपीगण फरियादिया की लड़की को अपहरण कर ले गए। आरोपीगण के विरूद्ध धारा 363, 366 ए, 323, 34 भादवि अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया। अभियोक्‍त्री को आरोपी दंगलसिंह के कब्जे से दस्तयाब किया गया जिसके पश्चात अभियोक्त्री ने बताया कि आरोपीगण उसे जंगल के रास्‍ते ले गए जहां से आरोपी प्‍या‍रसिंग उर्फ गंजिया वापिस चला गया एवं आरोपी दंगलसिंग ने जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ बार बार दुष्‍कर्म किया। इसके पश्चाात प्रकरण में धारा 376 (2) (एन), 376 (3), 506 भा.दं.सं एवं 5(1) सहपठित धारा 6 लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 की वृद्धि की गई।
प्रकरण नाबालिग बालिका के विरूद्ध हाने वाले अपराधों के कारण गंभीर प्रकृति का है इस कारण से इस प्रकरण में शासन की ओर से सफलतापूर्वक पैरवी अति. जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धावे द्वारा की गई। उन्होंने साक्षियों पर नियंत्रण कर प्रकरण में प्रभावशाली बहस करते हुए अभियोजन के पक्ष में सार्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के महत्व्पूर्ण न्याकदृष्टांत और तर्क प्रस्तुत किए। जिसके पश्चात आरोपीगण न्यायालय द्वारा धारा 366, भा.द.स. एक्ट के अपराध के लिये 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 अर्थदण्ड, धारा 376(3) भा.द.सं. 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10000 अर्थदण्ड व धारा 323 सहपठित धारा 34 भा.दं.सं के अपराध के लिये 3 माह सश्रम कारावास से दंडित किया गया।


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