मो. मुजम्मिल, छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
शक्ति ट्रस्ट एवं सँस्कृत पुस्तकोन्नति सभा द्वारा संचालित संत श्री आशारामजी आश्रम खजरी द्वारा जारी भण्डारे में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी जिले भर में धूम रही। श्री योग वेदांत सेवा समिति के तत्वावधान में जगह-जगह आदिवासी, गरीब क्षेत्रों में आयोजन संपन्न हुए। समिति द्वारा जिले की सभी विकास खण्ड स्तर की सभी कार्यरत समिति एवं 3 लाख साधकों को निर्देशित किया गया था कि अपने-अपने क्षेत्रों के जरूरतमंदों का चयन करें। जिले के लगभग सभी विकासखण्डों में जरूरतमंदों को आनाज, वस्त्र, कम्बल, मिठाई, तेल, बाती-दीपक भेंट किये। इन आयोजनों में समिति ने स्थानीय जप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिक एवं सरपंचों को विशेष रूप से आमंत्रित किया था। इन समस्त भंडारों की शुरुवात लिंगा आश्रम से शरद पूर्णिमा के दिन हुई जो दीपावली पर्व के अंत तक जारी रहे। जगह- जगह साध्वी बहनों के सत्संग का भी आयोजन सम्पन्न हुआ।
मुख्य अतिथि के रूप में म.प्र. शासन के पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री नानाभाऊ मोहोड़, म.प्र. भाजपा के महामंत्री एव पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष कन्हईराम रघुवंशी, पूर्व विधायक पण्डित रमेश दुबे के अलावा कई जनप्रतिनिधि मुख्य रूप से उपस्थित रहे। सभी मुख्य अतिथियों ने बताया कि देश भर में सभी लोग दीपावली पर्व तो मनाते हैं लेकिन गरीब गुरवों की सेवा कर दीपावली पर्व मनाना सनातन संस्कृति का उत्कृष्ट उदाहरण है। पूज्य बापूजी जैसे सन्तों के कारण ही आज हमारी संस्कृति जीवित है। पूज्य बापूजी की प्रेरणा से देश भर में ऐसे आयोजन जगह-जगह हो रहे हैं। इसके लिए संस्था साधुवाद की हकदार है। गत वर्ष कोरोना काल में भी संस्था ने लाखों जरूरतमंदों को आनाज एवं जरूरत की सामग्री भेंट की, हम लोग भी समय समय पर इन आयोजन में शामिल होते रहे हैं जो बड़े सौभाग्य की बात है। समिति से प्राप्त जानकारी से ज्ञात हुआ कि इस वर्ष संस्था की इस सेवा से जिले भर में लगभग 7 लाख 78 हजार लोग लाभन्वित हुए हैं। 650 जिलों का गुणा भाग करें तो यह संख्या करोड़ो में है। इस दैवीय कार्य में लिंगा आश्रम से साध्वी रेखा बहन, साध्वी प्रतिमा बहन, श्री योग वेदांत सेवा समिति के अध्यक्ष मदनमोहन परसाई, खजरी आश्रम के संचालक जयराम भाई, गुरुकुल संचालिका दर्शना खट्टर, युवा सेवा संघ के दीपक दोईफोड़े, P. R. शेरके, M.R. पराडकर, शिक्षाविद विशाल चवुत्रे, धनाराम सनोडिया, महिला समिति से सुमन दोईफोड़े, डॉ. मीरा पराडकर, विमल शेरके, छाया सूर्यवंशी, करुणेश पाल, शकुंतला कराडे, वनिता सनोडिया, योगिता पराडकर मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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