रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
मध्यप्रदेश सरकार शासकीय कर्मचारियों की समस्याओं का तत्काल निराकरण करे, वर्तमान में मध्यप्रदेश के कर्मचारियों की अनेक समस्याएं सरकार स्तर पर लंबित हैं।इसमें मुख्य रूप से अनुकम्पा नियुक्ति, महंगाई भत्ते की दर बढाना, पंचायत संयुक्त मौर्चा कर्मचारियों की मांगें जैेसे अनेक मुद्दे लंबित हैं उसका निराकरण सरकार को प्राथमिकता से करना चाहिए। आपके कर्मचारियों के हित में निर्णय न लेने से भारी असंतोष है, कर्मचारी हडताल एवं धरने देने पर मजबूर हैं।
पंचायत कर्मचारी शासन की समस्त योजनाओं का संचालन कर रहे है किन्तु उनकी समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान नहीं है।
वर्तमान में पंचायत कर्मियों के हडताल से ग्रामीणजन परेशान हैं, जिले की 375 ग्राम पंचायत एवं जनपद जिला पंचायत के कार्य ठप्प हैं, आम ग्रामीणजन परेशान हैं। यही स्थिति पूरे प्रदेश में है, उक्त बात पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया ने ज्ञापन लेने के बाद कही है।
जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत एवं पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, रोजगार गारंटी के कर्मचारी अभियंता आदि ने विधायक भूरिया को ज्ञापन प्रस्तुत किया. जिसके अन्तर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास कर्मचारी संयुक्त मोर्चा द्वारा अवगत कराया कि प्रदेश सरकार ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी अल्प वेतन और बिना सुरक्षा के प्रदेश शासन की समस्त योजनाओं का क्रियान्वयन पंचायत ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है किन्तु उनकी आर्थिक मांगों पर कोई ध्यान सरकार द्वारा नहीं दिया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत छठवें वेतनमान की गणना, पंचायत सचिवों का विभाग में संविलियन, पद्वोन्नती, अनुकंपा नियुक्ति, रोजगार सहायक की वेतनमान सबंधी, मनरेगा कार्यरत, संविदा कर्मचारियों एवं उपयंत्रियों को नियमित, वाहन सुविधा, जिला एवं जनपद पंचायत कर्मचारियों की शासकीय कर्मचारियों के अनुरूप 5 वां वेतनमान एवं छठवां वेतनमान तथा पेंशन सबंधी मांग मुख्य है।
ज्ञापन लेने के बाद श्री भूरिया ने पंचायत कर्मचारी संगठन को सम्बोधित करते हुए कहा कि वे उनकी मांग के सबंध में मुख्यमंत्री एवं पंचायत मंत्री से चर्चा करेंगे और यदि आवश्यकता हुई तो उसे विधानसभा में भी उठाया जावेगा।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं विधायक कांतिलाल भूरिया मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान, मुख्यमंत्री एवं पंचायत मंत्री महेन्द्रसिंह सिसौदिया, मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को भूरिया ने पत्र लिख कर मुख्यमंत्री को अवगत कराया है कि मध्यप्रदेश के शासकीय एवं स्थाई कर्मचारियों को 12 प्रतिशत से बढाकर 17 प्रतिशत मंहगाई भत्ता तत्कालीन कमलनाथ सरकार द्वारा ने मंजूर किया गया था किन्तु आपकी सरकार द्वारा उसे निरस्त कर दिया गया। आपकी सरकार बनने के बाद कर्मचारियों के हित में कोई निर्णय नहीं लिया गया। वर्तमान में केन्द्र सरकार द्वारा कर्मचारियों को देय मंहगाई भत्ते की दर को बढाकर 28 प्रतिशत कर दिया गया है, परन्तु प्रदेश के कर्मचारियों को 12 प्रतिशत मंहगाई भत्ता मिल रहा है और इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश के कर्मचारियों को 16 प्रतिशत कम महंगाई भत्ता प्राप्त हो रहा है। वार्षिक वेतनवृद्वि का वास्वितक लाभ आपके द्वारा कोई निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है। जिससे प्रतीत होता है कि भाजपा सरकार कर्मचारी विरोधी है।
भूरिया ने बताया कि सम्पूर्ण भारत सहित मध्यप्रदेश में भी मंहगाई की दर निरंतर बढी हुई है एवं दैनिक उपयोग की वस्तुएं जिनमें पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, राशन एवं अन्य वस्तुओं की कीमतों में भारी बढोतरी हुई है। शासकीय कर्मचारी मंहगाई भत्ता एवं वेतन वृद्वि के लाभ नहीं मिलने से अपने सुचारू जीवन यापन में कठिनाईयों को सामना करना पड़ रहा है। भूरिया ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि कर्मचारियों को शीघ्र 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं देय वास्तविक वार्षिक वेतन वृद्वियों का लाभ तत्काल प्रदान करें।
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