वी. के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
जनपद लखीमपुर खीरी में ऑटोमोबाइल्स डीलरों की समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं, जबकि एआरटीओ लखीमपुर खीरी की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है।एआरटीओ लखीमपुर खीरी के द्वारा ऑटोमोबाइल्स डीलरों को जो नोटिस दी है उसमें यह कहा गया है कि लॉकडाउन के समय में ऑटोमोबाइल्स डीलरों ने गाड़ी की बिक्री की है जबकि ऑटोमोबाइल डीलरों का कहना है कि उनके द्वारा ऑनलाइन गाड़ियों की बिक्री की गई है और ऑनलाइन ही रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया गया है।उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा सभी अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था जिसके बाद भी ऑटोमोबाइल्स के डीलरों के द्वारा अधिक मुनाफे को लेकर के लगातार चोरी से बाइकें बेची गईं और सरकार के द्वारा महामारी अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन किया गया लेकिन यहां पर एआरटीओ की भी भूमिका भी संदिग्ध है क्योंकि जिस समय शोरूम में बाइकें बेची जा रही थीं और लगातार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किए जा रहे थे तब एआरटीओ कहां था यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है। एआरटीओ खीरी अपनी नौकरी बचाने के लिए अब ऑटोमोबाइल्स के डीलरों को बलि का बकरा बनाते हुए नजर आ रहे हैं। जिसके बाद में एआरटीओ के द्वारा ऑटो मोबाइल्स डीलरों को नोटिस देकर के स्पष्टीकरण मांगा गया है। अब ऑटोमोबाइल सेक्टर में हड़कंप मचा हुआ है। लॉकडाउन के चलते आवश्यक चीजों को छोड़कर सभी की बिक्री पर प्रतिबंध लगा हुआ था और हर एक दुकान जब बंद थी तो ऐसे में ऑटो मोबाइल्स डीलरों के द्वारा बाइक कैसे बेंची गई यह भी बड़ा सवाल बना हुआ है। दूसरी तरफ ऑटोमोबाइल्स के डीलरों का कहना है कि उनके द्वारा ऑनलाइन गाड़ियों की बिक्री की गई है तो सवाल यह उठता है कि जब ऑनलाइन बिक्री की गई है तो किस कंपनी के माध्यम से ऑटो डीलर के द्वारा बाइक बेंची गई है और कैसे भुगतान लिया गया है यह कोई भी ऑटो डीलर बताने को तैयार नहीं है। इससे साफ जाहिर होता है कि ऑटोमोबाइल्स के डीलरों के द्वारा लॉकडाउन में बहुत ज्यादा मुनाफे के चलते गाड़ियों के बिक्री खुलेआम की गई है और महामारी अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन किया गया है जिससे एआरटीओ के द्वारा दी गई नोटिस सही मायने में उचित लगती है और ऑटो डीलरों पर कार्रवाई करना भी स्वाभाविक बनता है क्योंकि लाक डाउन में जब अति आवश्यक चीजों को छोड़कर सभी दुकानें बंद थी और कोई भी बिक्री नहीं कर सकता था तो ऑटो सेक्टर के डीलरों द्वारा आखिर में बाइकें क्यों बेंची गई इनके द्वारा अपराध किया गया है और महामारी का खुलेआम उल्लंघन किया गया है इन पर कार्रवाई होना आवश्यक है।ऑटो डीलरों का कहना है कि उनके द्वारा जब ऑनलाइन गाड़ी बेची गई है तो ऑनलाइन ही भुगतान लिया गया होगा और ऑनलाइन डिलीवरी की गई होगी लेकिन किस कंपनी के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान लिया गया है और ऑनलाइन के लिए कोई गाइडलाइन सरकार ने बनाई होगी जिसके तहत ऑटो सेक्टर के डीलरों द्वारा गाड़ी बिक्री की गई होंगी लेकिन ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं आई थी जिसमें ऑटोमोबाइल्स के डीलर शोरूम से बाइक बेंच सकें।
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