मेहलका इकबाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
पवित्र रमजान के रोजे इस्लाम धर्म का महत्वपूर्ण अंग है और हर बालिग मुसलमान मर्द औरत पर रोजे फर्ज हैं। इस्लाम धर्म की शिक्षा अनुसार बच्चों को धार्मिक गतिविधियों से जोड़ने, उन्हें संस्कारित करने के लिए छोटी उम्र से इसकी आदत डाली जाती है ताकि छोटे बच्चे बड़े होकर संस्कारवान एवं धार्मिक प्रवृत्ति के बने। बुरहानपुर के इंदिरा कॉलोनी में निवासरत प्रसिद्ध अधिवक्ता एवं जिला अधिवक्ता संघ बुरहानपुर के ग्रंथपाल अब्दुल वकील खान के 5 वर्षीय मासूम बालक नवाज़ ने अपने ननिहाल में आज जीवन का पहला रोजा रखकर उसने अपने माता-पिता की प्रेरणा से देश-दुनिया के अमन और शांति, कोरोना से मुक्ति सहित विश्व कल्याण के लिए अल्लाह से दुआ मांगी। पूर्व विधायक हमीद क़ाज़ी, नूर काज़ी, माता पिता और परिवार के सदस्यों सहित शुभचिंतकों, इष्ट मित्रों ने भी मासूम रोजादार की हौसला अफजाई कर उसे भी अपनी नेक दुआओं से नवाजा। अल्लाह इस मासूम रोजेदार नवाज़ को दीन ए इस्लाम का दाई बनाए और दुनिया और आखिरत में कामयाबी व कामरानी नसीब फरमाए। आमीन सुम्मा आमीन।
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