हिमांशु सक्सेना, ग्वालियर (मप्र), NIT:
स्वर्ण रेखा के अंदर डाली गई सीवर लाइन को अमृत योजना के तहत साफ करना था। सीवर लाइन को साफ करने के आदेश निगमायुक्त शिवम वर्मा ने दिए थे लेकिन इस आदेश को दिए हुए अधिक दिन बीत गए हैं लेकिन अभी तक सीवर लाइन को साफ नहीं किया जा सका है। इसके कारण स्वर्ण रेखा में आज भी नालों और सीवर का पानी बह रहा है। वहीं हनुमान बांध भी पूरी तरह से सीवर के पानी से लबालब भरा हुआ है।
स्वर्ण रेखा नदी में सीवर लाइन डाली गई थी, इस सीवर लाइन की नियमित सफाई नहीं होने के कारण इसके अंदर गाद (मिट्टी व कचरा) जम चुका है जिसके चलते सीवर का पानी लाइन से बाहर निकलकर स्वर्णरेखा नदी में बह रहा है। विगत दिनों निगमायुक्त शिवम वर्मा ने स्वर्णरेखा नदी का निरीक्षण किया था और उन्होंने सीवर लाइन को साफ कर उसमें सभी नालो को मिलाने का आदेश दिया था, लेकिन यह आदेश भी अधिकारियों ने हवा में उड़ा दिया। इसके चलते सीवर लाइन आज तक साफ नहीं हो सकी है।
नालों का पानी मिलाना था सीवर लाइन में
14 किलोमीटर लंबी स्वर्णरेखा नदी में करीब 84 नाले आकर मिलते हैं, इन सभी नालों में टेपिंग जाली लगानी थी। इस जाली में जो भी कचरा बहकर आता वह फंस जाता, इसके बाद बिना कचरे वाला पानी सीवर लाइन मे डाला जाना था। जिसके कारण इस नदी में सिर्फ बारिश का पानी ही बहता।
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