त्रिवेंद्र जाट/राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
सागर जिले के देवरी के महाविद्यालय में उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना (रूसा) के अंतर्गत नवीन निर्माण एवं उन्नयन बैरियर फ्री कार्य का भूमि पूजन आज 27 मार्च को मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव मुख्य अतिथि के रुप में भूमिपूजन करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रुप में क्षेत्रीय विधायक हर्ष यादव को भी आमंत्रित किया गया है जिसकी कालेज प्रबंधन द्वारा जोर शोर से तैयारी की जा रही है जिसमें हजारों की संख्या में भीड़ जुटने की उम्मीद की जा रही है जिसको लेकर नगर के साथ-साथ क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। जहाँ एक ओर प्रदेश में कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है जिसको लेकर सरकार एवं जिला प्रशासन रोज नई-नई गाइड लाइन जारी कर लोगों को जागरूक करने मे जुटा हुआ है जिसमें बसों में यात्रा से लेकर घर से बाहर निकलने वालों को दो गज दूरी मास्क है जरूरी जैसे एलांउन्समेट कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है साथ ही बिना मास्क के घर निकलने वालों पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है जिसमें नगरपालिका द्वारा लगभग एक सप्ताह मे आम गरीब लोगों एवं टूव्हीलर चालकों से हजारों रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है परंतु वहीं दूसरी ओर नगर के एक मात्र महाविद्यालय ने इस बढते कोरोना काल में सरकार एवं प्रशासन के आदेशों निर्देशों की परवाह किये वगैर एक जिले के कद्दावर मंत्री को भूमि पूजन के लिये आमंत्रित कर दिया जिसमें बडी संख्या मे भीड़ जुटने की उम्मीद जताई जा रही है। अब देखना है कि स्थानीय प्रशासन इस बढते कोरोना काल में सरकार एवं जिला प्रशासन की गाइडलाइन का सही तरीक़े से पालन करा पाता है कि नहीं यह तो आज होने वाले कार्यक्रम से ज्ञात होगा। वहीं क्षेत्रीय सांसद व केन्द्रीय मंत्री पहलाद पटेल व देवरी जनपद पंचायत की अध्यक्षा आंचल आठया को कार्यक्रम में कॉलेज प्रबंधन द्वारा नजर अंदाज किया गया जो कि संविधान के अनुसार प्रतिनिधियों को नजर अंदाज कर प्रोटोकाल का सीधा उल्लघंन किया जा रहा है जबकि प्रोटोकाल अनुसार दमोह लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत देवरी होने के कारण क्षेत्रीय सांसद व केन्द्रीय मंत्री पहलाद पटेल को आमंत्रित करना व कार्ड में नाम देना आवश्यक था वहीं देवरी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत झुनकू में स्थित सरकारी कॉलेज होने के कारण उस जनपद पंचायत की प्रतिनिधि जनपद पंचायत अध्यक्षा आंचल आठ्या को आमंत्रित करना व कार्ड में नाम देना प्रोटोकाल के अंतर्गत जरूरी था जिसका कॉलेज प्रबधन द्वारा सीधा उल्लघंन किया गया है.
कोरोना को लेकर सरकार जिस प्रकार सख्त दिख रही है, सरकार कोरोना को लेकर बडी सख्त दिखाई दे रही है, कई प्रकार से नियन कानून लागू कर आमजन की सुरक्षा के लिये प्रयास कर रही है, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री बार बार आमजन से हाथ जोड़कर निवेदन करते नजर आ रहे हैं कि कोरोना से बचाव के लिये माक्स, सेनेटाईजर व सोशल डिस्टेंस बनाये रखने की अपील कर रहे हैं वही प्रशासनिक अधिकारी मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव से लेकर कलेक्टर एसडीएम तक आदेश जारी कर चुके हैं कि करीब 20 लोग मृत्यु पर तथा 50 लोग शादी समारोह व अन्य सार्वजनिक कार्यक्रम में उपस्थित रह सकेंगे वो भी शासन के नियमानुसार आदेशों का पालन करते हुये मगर इससे हटके देवरी में देखने को मिल रहा है जहां शासकीय नेहरु कालेज देवरी के कार्यक्रम में करीब 500 से 2000 हजार लोग शामिल होने की जानकारी बतायी जा रही है जिसमें शासन के सभी नियमों की धज्जियां खुलेआम उडती नजर आ रही है. एक ओर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, कलेक्टर, शासकीय या निजी सार्वजनिक कार्यक्रम में 20-50 लोग की परमीशन शामिल होने की दे रहे हैं वहीं कालेज के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, कलेक्टर के निर्देशों की खुले तौर पर धज्जियां उडती नजर आ रही है. क्या नियम कानून केवल गरीब जनता के लिए बनाये गये हैं, मंत्री, विधायक या कालेज प्रबंधन को नहीं है? क्या राजनेता के सार्वजनिक कार्यक्रमों में कोई नियम कानून नहीं है? अब देखना यह है कि सरकार व अधिकारी न्याय पूर्वक कार्यवाही दिखाकर सार्वजनिक कार्यक्रम को बडा ही रूप रहने देगे या सरकार के मंत्री अपनी सरकार के आदेश नियमों को ध्यान में रखकर कार्यक्रम को आमजन गरीबों के लिये लागू कानून जैसा ध्यान में रखकर करीब 50 लोग तक कार्यक्रम सीमित रखेंगे या कार्यक्रम निरस्त करेंगे या सरकार के मंत्री नेता व शासन के अधिकारी स्वंय के आदेश का उल्लघन करते नजर आयेंगे,
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