हनीफ खान, ब्यूरो चीफ, सोनभद्र (यूपी), NIT:
जिन्होंने हमारे ऊपर भरोसा करके अपनी गाढ़ि कमाई हमारे हाथों सौंप कर इस मुकाम पर पहुंचाया यह ‘बीमा योद्धा’ सम्मान हमारा सम्मान नहीं बल्कि हमारे पालिसी धारकों एवं शुभचिंतकों का सम्मान है, उक्त बातें अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर कोर्ट ऑफ द टेबल मेंबर (COT) रघुबर प्रसाद मौर्य ने राज्यपाल उत्तर प्रदेश माननीय आनंदीबेन पटेल से राजभवन लखनऊ में सम्मानित होकर जनपद के प्रथम आगमन पर कुशवाहा समिति सोनभद्र के बैनर तले कुशवाहा सभागार व्यास कॉलोनी रावटसगंज में बुधवार को स्वागत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही। श्री मौर्य ने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम के क्षेत्र में 2012 से आए हैं तब से एमडीआरटी मिलियन डॉलर राउंड टेबल के मेंबर निरंतर बने रहे और इसी के साथ 2021 का (COT) कोर्ट ऑफ द टेबल का मेंबर बने। उन्होंने बताया कि वाराणसी डिवीजन में 8 जिले हैं, जिसमें मात्र तीन COT मेंबर हैं उन तीन लोगों में एक मुझे भी सौभाग्य मिला है। श्री मौर्या ने बताया कि राज्यपाल सम्मान के लिए चयन प्रक्रिया में त्वरित मृत्यु दावा भुगतान, लैप्सेशन का कम होना और बेहतरीन व चुनिंदा प्लानों को विक्रय करना तथा कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पॉलिसी की संख्या 200 के ऊपर वालों को चयनित किया गया था जिसमें हमारे द्वारा इस वित्तीय वर्ष की पॉलिसी संख्या 286 हो गई थी। इन सब रेशियो को मिलाकर चयन किया गया था। श्री मौर्य ने उपस्थित लोगों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि जितना खुशी मुझे राजभवन में नहीं हुई उतनी खुशी इस कुशवाहा भवन में महसूस हो रही है। बताते चलें कि 17 जनवरी 2021 को राजभवन लखनऊ में एलआईसी के उत्कृष्ट अभिकर्ता एवं विकास अधिकारियों में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड मिलाकर 80 लोगों को सम्मानित किया गया जिसमें 18 विकास अधिकारी तथा शेष अभिकर्ता थे जिसमें रघुवर प्रसाद मौर्य को भी सम्मानित होने का सौभाग्य मिला था। उपस्थित लोगों ने माल्यार्पण कर, अंगवस्त्रम तथा बुके भेंट कर जोरदार स्वागत किया। उपस्थित लोगों में विकास अधिकारी राघवेंद्र सिंह पटेल, समिति के अध्यक्ष मोहन कुशवाहा, उदयनाथ कुशवाहा, राजा राम सिंह, डॉ संजय मौर्य, पंकज कुशवाहा, बालेश्वर सिंह, डॉ दिनेश कुमार सिंह, रवि प्रकाश मौर्य, रविकांत कुशवाहा, इंजीनियर नरेंद्र कुमार मौर्य, माता प्रसाद, राजकुमार मौर्य, देवेंद्र मिश्रा, संत कबीर मौर्य आदि लोग उपस्थित रहे।
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