बहुमत भले ही कांग्रेस को मिली है लेकिन महापौर बीजेपी का ही बनेगा: कपिल पाटिल; भाजपा लोकतंत्र का गला घोटना चाहती है, महापौर कांग्रेस का ही बनेगा: शोएब गुड्डू | New India Times

शारिफ अंसारी, मुंबई, NIT; ​बहुमत भले ही कांग्रेस को मिली है लेकिन महापौर बीजेपी का ही बनेगा: कपिल पाटिल; भाजपा लोकतंत्र का गला घोटना चाहती है, महापौर कांग्रेस का ही बनेगा: शोएब गुड्डू | New India Timesभिवंडी भाजपा सांसद कपिल पाटिल द्वारा दिए गए   बयान की “बहुमत भले ही कांग्रेस को मिला हो महापौर भाजपा का होगा”, इसको लेकर कांग्रेस सहित सभी भाजपा के विपक्षीय दलों ने सांसद के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि भाजपा लोकतंत्र का गला दबाकर ह्त्या करनी चाहती है।

 भिवंडी मनपा चुनाव में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलने के बावजूद भाजपा सांसद का यह कहना कि महापौर भाजपा का बनेगा, इससे भाजपा की हताशा साफ़ नजर आती है। यह साफ़ हो गया है कि राज्य सरकार भिवंडी में राजनीतिक  षड्यंत्र रच कर एन केन प्रकरेण अपना महापौर बिठाना चाहती है। भाजपा सांसद के बयान की कड़ी निंदा करते हुए भिवंडी शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष शोएब गुड्डू ने पत्रकारों से कहा कि भिवंडी की जनता ने हमें बहुमत दिया है, भिवंडी मनपा में महापौर कांग्रेस का ही बैठेगा। भिवंडी भाजपा सांसद पाटिल के विवादित बयान के बाद भिवंडी की राजनीति में तूफ़ान उठ खडा हुआ है। एक बार फिर भिवंडी मनपा की राजनीति में नगरसेवकों को तोड़ने के  षडयंत्र  को लेकर घोड़ेबाजारी शुरू होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

बहुमत भले ही कांग्रेस को मिली है लेकिन महापौर बीजेपी का ही बनेगा: कपिल पाटिल; भाजपा लोकतंत्र का गला घोटना चाहती है, महापौर कांग्रेस का ही बनेगा: शोएब गुड्डू | New India Times​गौरतलब हो कि हाल ही में संपन्न हुए भिवंडी मनपा चुनाव के 90 सीट में कांग्रेस पार्टी नेे 47 सीट प्राप्त कर स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया है। वहीँ दूसरे नंबर में रही भाजपा को 19 सीट और उसके सहयोगी कोणार्क विकास आघाडी को केवल 4 सीट ही मिल पाई है। चुनाव संपन्न होने के बाद पत्रकारों को दिए गए इंटरव्यू में भिवंडी भाजपा सांसद कपिल पाटिल ने कहा कि बहुमत भले ही कांग्रेस को मिला है, लेकिन भिवंडी में महापौर भाजपा का होगा। इस अटपटे सवाल पर पत्रकारों ने सांसद पाटिल से पूछा यह कैसे संभव है तब पाटिल ने पांच वर्ष  पहले हुए मनपा महापौर चुनाव का उदाहरण देते हुए बताया कि जब उस समय 6 सीट पाने वाली कोणार्क विकास आघाडी 65 नगरसेवक लेकर महापौर बना सकती है तब भाजपा इस चुनाव में 19 सीट पाने वाली भाजपा महापौर क्यों नहीं बना सकती। सांसद पाटिल ने यह भी बताया कि 20 नगरसेवकों का एक गुट उनके संपर्क में है और कई अन्य नगरसेवक भी उनके साथ आने के लिए तैयार हैं। सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि भिवंडी में अल्पसंख्यक समाज एक तरफा कांग्रेस को वोट देकर कांग्रेस को बहुमत में ला दिया है। पाटिल ने तर्क दिया कि भिवंडी शहर का विकास कांग्रेस नहीं कर सकती क्योंकि केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार है इसलिए भिवंडी शहर का विकास करना है तो महापौर भाजपा का ही बनाना पड़ेगा। भाजपा सांसद कपिल पाटिल के इस बेतुके बयान पर कांग्रेस भड़क उठी है। भिवंडी शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष शोएब गुड्डू ने कहा कि सांसद का बयान बेहद घटिया सोच का परिचायक है। इसी से भाजपा का चाल, चरित्र व चेहरा सामने आ गया है। भाजपा लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखती है। भाजपा घमंड की बात कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष शोएब गुड्डू ने कहा कि भिवंडी में सांसद पाटिल माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। गोवा राज्य की तरह भिवंडी में भी नगरसेवकों की खरीदफरोख्त का धंधा शुरू कर अपनी पार्टी का महापौर बनाना चाहते हैं। सांसद के बयान के  पीछे राज्य सरकार का अजेंडा स्पष्ट दिखाई पड़ रहा  है। भाजपा जनादेश को त्याग कर सत्ता के लिए लोकतंत्र का गला घोटने को तैयार है, लेकिन कांग्रेस पार्टी और उसके चुने हुए नगरसेवक एकजुट होकर भाजपा को भिवंडी में करारा सबक सिखायेंगे।
भाजपा सांसद के बयान का कडा विरोध करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता प्रवीण पाटिल ने कहा कि भाजपा भिवंडी की हार को पचा नही पा रही है। भाजपा ने तुष्टीकरण की राजनीति करने के लिए अब राजनीतिक अस्थिरता का रास्ता अपना रही है। भाजपा लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखती यह बात साफ़ हो गई है ।भाजपा को जनता के आदेश को स्वीकार करना चाहिए। सांसद के बयान से ऐसा लगता है कि भाजपा भिवंडी में लोकतंत्र की ह्त्या करना चाहती है। प्रवीण पाटिल ने कहा कि राज्य में भाजपा के साथ सरकार में शामिल शिवसेना भी भाजपा के समर्थन में नहीं है ऐसी स्थिती में भिवंडी में भाजपा का महापौर बनाना खयाली पुलाव पकाने जैसा है।

वही सपा प्रदेश उपाध्यक्ष अजय यादव ने सांसद के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सांसद एक जिम्मेदार जन प्रतिनिधी होता है उसे इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। सभी को संविधान और लोकतंत्र की मर्यादा में रहना चाहिए। सांसद के बयान से भिवंडी की राजनीति में गलत सन्देश जाएगा। भले ही समाजवादी पार्टी के दो नगरसेवक चुनकर आये हैं लेकिन समाजवादी पार्टी सेक्युलर ताकतों के साथ मजबूती से खड़ी रही है और आगे भी खड़ी रहेगी। सपा का भाजपा के साथ जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।


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