अशफाक़ कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:
राजस्थान प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंचने के कारण आम आदमी को आम काम के लिये भी रिश्वत देने को मजबूर होना पड़ने से चारों तरफ त्राहि त्राहि मची हुई है।
राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में जबसे अतिरिक्त डीजी एम एन दिनेश की नियुक्ति हुई है तब से भ्रष्टाचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने में आई तेजी के बावजूद भ्रष्टाचारी टस से मस होने को शायद कतई तैयार नहीं लगते हैं।
एसीबी की आज अलग अलग जगह प्रदेश में की गई अलग अलग छ कार्यवाही में सबसे पहली कार्यवाही श्रीगंगानगर के कांस्टेबल नरेश चंद्र मीणा को जयपुर की होटल रेडिसन ब्लू में 10 लाख रुपए रिश्व्त लेते हुए गिरफ्तार कियागया इसके बाद तो ताड़बतोड़ कार्यवाईयां होने लगीं जिसमें दूसरी कार्यवाही डीटीओ जगदीश मीणा को आय से अधिक सम्पति में गिरफ्तार किया गया। कानोता, बस्सी और चौमू आय से अधिक सम्पति कार्यवाही सर्च। एसीबी की तीसरी कार्यवाही उदयपुर में SHO रमेशचन्द्र सहित तीन लोगों को 35 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
इसके बाद एसीबी ने चौथी कार्यवही करते हुए झुंझुनू में पटवारी रणवीर को 13 हजार रुपए रिश्व्त लेते गिरफ्तार किया। एसीबी ने पांचवी कार्यवाही श्रीगंगानगर में पटवारी को रिश्व्त लेते गिरफ्तार किया। एसीबी ने फिर अंत में छठी कार्यवाही करते हुए अजमेर में रामगंज थाने के ASI बाबूलाल को 15 हजार रुपए रिश्व्त लेते गिरफ्तार किया है।
हालांकि एसीबी द्वारा निरंतर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने का सिलसिला जारी रहने के बावजूद भ्रष्टाचारी अपने कदम पीछे हटाने को तैयार नहीं लगते हैं। पिछले दिनों एसीबी के उप पुलिस अधीक्षक जाकिर अख्तियार अपनी टीम के साथ रायसिंह नगर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को पकड़ने गये तो उनके गनमैन ने अख्तर पर गोली चला दी थी। गनीमत रही कि गनमैन की सर्विस रिवाल्वर से निकली गोली अख्तर को नहीं लगी वरना बुरा हादसा भी घटित हो सकता था।
कुल मिलाकर यह है कि एसीबी में जब से एम एन दिनेश की नियुक्ति हुई है तब से भ्रष्टाचारियों को रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़े जाने का सिलसिला जोर पकड़ता जा रहा है लेकिन इन सबके बावजूद अभी भी रिश्वतखोर आजादी के साथ रिश्वतखोरी का खेल खेलने से बाज़ नहीं आ रहे हैं।
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