धुलिया ट्रैफिक विभाग पर 3 लाख 73 हज़ार रुपये गबन का आरोप | New India Times

अब्दूल वहीद काकर, धुलिया (महाराष्ट्र), NIT; ​धुलिया ट्रैफिक विभाग पर 3 लाख 73 हज़ार रुपये गबन का आरोप | New India Timesरास्ता सुरक्षा फाउंडेशन के अध्य्क्ष महेश नेरकर ने जिला पुलिस अधीक्षक श्री एस चैतन्य को एक शिकायत दर्ज कराई है कि राज्य सरकार ने दिनाक 4 अगस्त 2016 को एक अधिसूचना जारी कर कुछ ट्रफिक नियमो मे जुर्माने की राशि बड़ा कर वसूल करने के आदेश जारी किए गए थे । किंतु धुलिया ट्रफिक विभाग ने शांसन के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए चार सो सतरा वहान धारकों के विरुद्ध यातायात नियमो के उलँघन के अपराध में अधिसूचना के अनुसार एक हजार रुपये का जुर्माना वसूला किया जाना था उसी के अनुसार सरकार की तिज़ोरी मे राजस्व जमा कराना चाहिए था लेकिन इस प्रकार से जुर्माना वसूला नही गया। शिकायत कर्ता ने आशंका जताई कि कही ट्रफिक विभाग के कर्मचारी और अधिकारियो ने ग़बन तो नही किया। यह जानकारी सूचना के अधिकार में उज़ागर हुई है जिस की जाँच करने की मांग ज़िला पुलिस अधीक्षक से की गई हैं।​धुलिया ट्रैफिक विभाग पर 3 लाख 73 हज़ार रुपये गबन का आरोप | New India Timesशिकायत कर्ता ने पुलिस अधीक्षक को सौपी शिकायत मे बताया है कि राज्य सरकार ने मोटर वाहन यातायात नियमों की धारा 2000 अनुसार एक अधिसूचना जारी कर मोटर वाहन चालकों से यातयात नियमो के उलँघन करने के अपराध में जगह पर ही समझौता की भूमिका में अपराधी वहान धारक से 100 रुपए जुर्माना वसूला जाने का प्रावधन था जिस मे राज्य सरकार ने अपने 4 अगस्त 2016 के आदेश मे संशोधन करते हुए अधिसूचना जारी की मोटर वाहन चालकों से समझौता जुर्माने की राशि में बढ़ोतरी करते हुए मोटर वाहन चालकों से कुछ यातायात नियमों के अपराध में एक हज़ार रुपये वसूलने के आदेश दिए किंतु इस अध्यादेश के विपरीत दिशा में धूलिया ट्रफिक विभाग ने राज्य सरकार की अधिसूचना की अनदेखी करते हुए वहान धारकों से समझौता शुुल्क के अन्तर्गत मात्र सौ- सौ रुपये के चालान काटे है जो कि गैर कानूनी है । फैंसी नंम्बर प्लेट लगाने के अपराध में पिछले दिनों 417 मोटर साइकिल चलाने वालों पर करवाई की गई थी जिस मे ट्रफिक विभाग ने राज्य सरकार के राजस्व मे 43 हजार 7 सौ रुपये जमा काराय जबकी 4 अगस्त 2016 के  अधिसूचना के अनुसार बकाया राशि 3 लाख 73 हजार 3 सौ रुपये कहा गए इस प्रकार का प्रश्न  नेरकर ने अपनी शिकायत मे पुलिस प्रशासन के सामने उपस्थित कर ग़बन होने का संदेह प्रकट किया है और पुलिस अधीक्षक से इस प्रकरण की कड़ी जांच करने की मांग कर सरकार की तिज़ोरी मे दोषीयों से सरकारी राजस्व का पता लगा कर अधिसूचना के अनुसार जुर्माने की राशि जमा कराए जाने की मांग महेश नेरकर ने जिला पुलिस अधीक्षक श्री एस चैतन्य से की है ।


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