दयाशंकर पांडेय, ब्यूरो चीफ, प्रतापगढ़ (यूपी), NIT:
मान्धाता कोतवाली क्षेत्र में हुई मारपीट में एक की तीन दिन पहले मौत हो गई थी जिसको लेकर तीन दिनों तक यहां हाई वोल्टेज ड्रामा चला और इसी मामले दो पुलिस कर्मीयों को भी सस्पेंड कर दिया गया है। विश्नाथगंज विधायक डॉ आर के वर्मा के सहयोग से तीन दिन बाद मामले को शांत करने के बाद गांव में ही मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।
बताया जाता है कि आरोपी के घर के सामने शव दफनाने के लिए गढ्ढा खोदने की कोशिश की गई और आरोपी की जगह में दीवार बनाने के लिए नींव भी खोदने की कोशिश हुई जिसको लेकर मुकदमा भी चल रहा है। इस मामले को लेकर मान्धाता पुलिस भी दहशत में रही और अतिरिक्त फोर्स मंगाई गई फिर गड्ढ़े खोदने से रोका गया।
इस मामले में कल ही बिना कसूर के दो सिपाहियों को निलम्बित किया गया है।
बताया गया है कि मान्धाता थाना के उसरापुर निवासी मृतक मंजीत पटेल के शव को 3 दिन तक घर पर रख कर पूर्व प्रधान, पूर्व बीडीसी व दो दर्जनों लोगों के द्वारा हाईवोल्टेज ड्रामा करवाया गया जिससे पूरा क्षेत्र 3 दिनों तक दहशत रहा लेकिन आज शाम को विश्नाथगंज विधायक डॉ आर के वर्मा के सहयोग से मृतक का अंतिम संस्कार गांव में ही कराया गया।
लोगों का कहना है कि मृतक के परिवार वालों को उकसाने वाले दो दर्जन लोगों को पुलिस ने चिन्हित कर कार्रवाई क्यों नहीं की जबकि इन के कारण ही दोनों पक्षो में जमकर मार-पीट हुई थी जिसमें मंजीत पटेल गंभीर रूप से घायल हो गया था जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई? इसी तरह मान्धाता कोतवाली की पुलिस आखिर मारपीट में गंभीर रूप से घायल आरोपी गुप्ता परिवार की एफआईआर क्यों नहीं लिख रही है?
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