ओसीया से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा व सूरजगढ़ से भाजपा विधायक सुभाष पुनिया नहीं बचा पाए अपनी परम्परागत सीट | New India Times

अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:ओसीया से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा व सूरजगढ़ से भाजपा विधायक सुभाष पुनिया नहीं बचा पाए अपनी परम्परागत सीट | New India Times

राजस्थान में पंचायत राज के हुये उपचुनाव में ओसीया से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा व सुरजगढ़ से भाजपा विधायक सुभाष पुनिया के त्याग पत्र के बाद रिक्त हुई सीटों पर हुये उपचुनाव में दोनों ही विधायकों के उम्मीदवारों के हारने की चर्चा अन्य चुनाव परिणामों के मुकाबले राज्य भर में खूब हो रही है।
राजस्थान में पंचायत राज उपचुनाव में चाहे कांग्रेस ने अधिक सीट जीतकर कांग्रेस नेताओं द्वारा बाजी मारने का दावा किया जा रहा हो लेकिन हकीकत यह है कि कांग्रेस के दिग्गज मदेरणा जैसे राजनीतिक परिवार की बेटी दिव्या मदेरणा के जोधपुर जिले के ओसीया विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनने के बाद उनके जोधपुर जिलापरिषद के वार्ड-25 सदस्य पद से त्यागपत्र देने के बाद खाली हुये पद पर हुये उपचुनाव में कांग्रेस के बुरी तरह हार कर तीसरे नम्बर पर चले जाने के बाद लगता है कि विधायक के प्रति छ महीने में ही जनता में नाराजगी पनपने लगी है। जोधपुर जिले के जाट बहुल्य जिलापरिषद वार्ड-25 उपचुनाव परिणाम में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की पार्टी रालोपा उम्मीदवार अनीता खोजा ने कुल 7504 मत लेकर 831 मतों से जीत दर्ज की है। दूसरे नम्बर पर भाजपा उम्मीदवार रामप्यारी ग्वाला 6677 मत व तीसरे नम्बर रही पर कांग्रेस उम्मीदवार धन्नीदेवी चोधरी को 6628 मत मिले। खास बात यह है कि मदेरणा परिवार की बेटी दिव्या मदेरणा के विधायक बनने पर खाली हुई उक्त सीट के उप चुनाव में कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने पूरी ताकत झोंककर घर घर एक एक मत पाने के लिए प्रचार करने के बावजूद उनका उम्मीदवार तीसरे नम्बर पर रहा और सांसद हनुमान बेनीवाल की पार्टी के पंचायत चुनाव में पहली दफा चुनाव लड़ने के बावजूद उसका उम्मीदवार भाजपा व कांग्रेस को हराकर चुनाव जीत गया।

झूंझुनू जिले की सूरजगढ़ विधानसभा से सुभाष पुनिया के भाजपा के निशान पर विधायक बनने के बाद उनके त्याग पत्र देने के बाद सुरजगढ़ पंचायत समिति वार्ड-12 की रिक्त हुई सीट पर हुये उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार ओमप्रकाश ने कुल 2448 मत लेकर 126 मतों से जीत दर्ज की है। भाजपा के बलवान सिंह को 2322 मिले। कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस के निशान पर उम्मीदवार उतारने की बजाय अपनी लाज बचाये रखने के लिये निर्दलीय उम्मीदवार ओमप्रकाश को समर्थन देने का दावा कर रहे थे। उक्त चुनाव में भाजपा विधायक पुनिया व भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक एक वोट पाने के लिये जी जान लगा रखी थी लेकिन छ महिने के अंदर ही जनता यह परिणाम देगी इसका आइडिया शायद विधायक पूनीया व उसके साथियों को भी नहीं रहा होगा।
कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान में पंचायत राज के हुये उपचुनाव में कोई भी दल आंकड़ों का खेल दिखाकर बढत का दावा कितना भी करे लेकिन असलियत इससे काफी अलग है। सत्ता पक्ष व विपक्षी दल के विधायक अपने द्वारा रिक्त की गई सीट को बचाने में विफल साबित हुये हैं तो कुछेक जगह सत्ता पक्ष को उम्मीदवार तक नहीं मिले हैं।


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