नरेंद्र इंगले, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
जलगांव जिले के यावल तहसील के किनगांव प्राथमिक स्वास्थ केंद्र को जो आने वाले कुछ सालों में ग्रामीण स्वास्थ केंद्र में तब्दील हो जाएगा। उसे तीन सालों की प्रतिक्षा के बाद प्रशासन की ओर से डाॅ मनीषा महाजन के रुप में स्थाई चिकित्सक बहाल कर दिया गया है। करीब 45 हजार आबादी के स्वास्थ सुविधा का भार संभालने वाले इस केंद्र को सरकार ने ग्रामीण स्वास्थ केंद्र का दर्जा देकर उसकि क्षमता को बढाने का निर्णय लिया है। फिल्हाल स्वास्थ केंद्र में कुल 20 स्वास्थ कर्मियों की तैनाती है। बीते तीन सालों से स्थायी स्वास्थ अधिकारी के लिए प्रतिक्षारत ग्रामीणों ने डाॅ मनिषा की स्थायी नियुक्ति पर खुशी जाहिर की है। डाॅ मनीषा ने बताया कि बतौर स्वास्थ अधिकारी मुझे इस बात पर फ़ोकस करना है कि केंद्र के दायरे में आने वाले 6 उपकेंद्रों के गांवों में हर साल फ़ैलने वाली संक्रामक बीमारियों पर काबु पाया जा सके। स्वास्थ विभाग की सरकारी योजनाएं आदिवासी लोगों तक पहुंचाकर उन्हें न्याय देना मेरा लक्ष्य रहेगा। डॉ मनीषा कहती हैं कि आनंदीबाई जोशी पुरस्कार से सम्मानित इस स्वास्थ केंद्र में जनता की सेवा करने का जो अवसर मुझे प्राप्त हुआ है उसे मैं अपना सौभाग्य समझती हूं और यह आशा करती हूं कि भविष्य में ग्रामीण स्वास्थ केंद्र के रुप में विकसित होने जा रहे इस अस्पताल में काम करने का भी मुझे मौका मिलेगा।
विदीत हो कि जलगांव जिले का उत्तरी छोर जो महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश दो राज्यों को सातपुडा की पहाड़ियों से विभक्त करता है वहां आदिवासियों कि तादात काफ़ी मात्रा में है। वैसे तो इस बेल्ट में सैकड़ों सरकारी स्वास्थ केंद्र हैं जो यथास्थिति प्रचालित हो रहे हैं ऐसे सुदूर इलाकों में काम करना प्रशासन के तत्वों के लिए आसान नहीं होता है। इसी बीच एक महिला होने के बावज़ूद डाॅ मनीषा महाजन का अपने पेशे के प्रति सकारात्मक जज्बा वाकई किसी नजीर से कम नहीं है।
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