वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी की पसगवां कोतवाली क्षेत्र में बेजुवान जानवरों को अवैध तरीके से खुलेआम काट कर मांस बेच रहे एक व्यापारी को पसगवां पुलिस ने जमकर फटकार लगाई है।
मिली जानकारी के अनुसार जंगबहादुरगंज कस्बा में शासन की मंशा के विरुद्ध गलत तरीके से हाइवे के किनारे आबादी के बीच बेजुवान जानवरों को खुलेआम काटकर बेच रहे है मांस के एक व्यापारी को पुलिस ने जमकर फटकार लगाई। इस दौरान व्यापारी को पसगवां कोतवाली प्रभारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि अभी तो मैं तुमसे ये नहीं पूछ रहा हूं कि तुम्हारे पास लाइसेंस है या नहीं लेकिन ये जो तुम्हारी गलत तरीके से दुकान चल रही है इसे वैध तरीके से चलाओ। मानक के अनुरूप अगर अबकी बार दुकान नहीं चलती मिली तो सख्त कार्यवाही की जाएगी।
बताते चलें कि जंगबहादुरगंज कस्बे में प्राइवेट सब्जी मंडी, हाइवे के किनारे, रेलवे स्टेशन पुराने फाटक के पास व जंगबहादुरगंज में उदयपुर गांव के निकट अवैध तरीके से दुकानें संचालित हैं।
अवैध तरीके से मन्दिर व स्कूल के पास चल रही मांस की दुकानों को लेकर पहले भी कस्बा के भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसकी शिकायत शासन प्रशासन से की थी उसके बाद यह दुकानें तुरंत ही प्रभाव से बंद भी हो गई थी लेकिन फिर दोबारा ये दुकानें संचालित हो गई हैं। कस्बा में जिस दुकान पर पसगवां पुलिस ने व्यापारी की फटकार लगाई है वो दुकान भी तालाब पर तालाब को पाट कर अवैध तरीके से बनाई गई है जिसको लेकर प्रशासन से कई शिकायतें की जा चुकी हैं लेकिन तालाब पर अवैध कब्जा प्रशासन की लापरवाही के चलते बरकरार है जिस पर प्रशासन मूक दर्शक के सिवा और कुछ नहीं है। यहां सिर्फ कागजों पर ही कार्यवाही का तरीका अपना रहा है और शासन की मंसा पर बकरकसों के साथ साथ प्रशासन भी लीपा पोती में जुटा हुआ है।
इसके अलाबा सल्लिया, बरखेरिया जाट, अजवापुर आदि जगहों पर बिना लाइसेंस के अवैध तरीके से धड़ल्ले से बेजुबानों को काटा जा रहा है लेकिन प्रशासन बेचारा खाना पूर्ति के सिवा कुछ नहीं कर रहा है और योगी सरकार की मंशा पर लगातार पानी फेर रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण है तालाबों पर अवैध कब्जा शिकायत के बाबजूद भी बरकरार रहना और सरकार के आदेश के बाबजूद नियम विरुद्ध बेजुबानों का लगातार खुलेआम काटा जाना व ग्राम सभा सल्लिया की सरकारी बाजार सहित अन्य जगहों पर मुकदमा, जुर्माना आदि के बाद भी अवैध कब्जा आज तक नहीं हटाना, जिससे प्रशासन की लचक व्यवस्था साफ दिखा रहा है।
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