रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
रतलाम जिले के आलोट विकास खंड के खारवाकला की मासुम बालिका पायल को शासकीय योजना की मदद से नई जिंदगी मिली है।
पायल अपनी गंभीर बीमारी से उबर कर अब खिलखिला रही है। खारवा कला के रहने वाले पदमसिंह के पास थोड़ी सी खेती लायक जमीन है। विगत फरवरी माह में उनके यहां नन्ही पायल का जन्म हुआ। जन्म के थोड़े ही दिन पश्चात पायल बीमारी से ग्रस्त होकर रोती रहती थी,ओर
उसको खूब पसीना आता था, पिता ने नजदीक के प्राइवेट चिकित्सालय में उसे दिखाया। चिकित्सक ने दिल में छेद होने का अंदेशा जताया। बालिका को उच्चस्तरीय उपचार के लिए बाहर बड़े अस्पतालों में दिखाने की सलाह दी जो गरीब पदमसिंह के लिए संभव नहीं था।
ऐसे में गांव के आंगनवाड़ी केंद्र पर आर.बी.एस.के टीम के डॉक्टर मंसूर नागौरी ने बालिका की जांच करके उसके पिता को शासन की उपचार सहायता योजना के बारे में बताते हुए मदद लेने की सलाह दी। रतलाम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से संपर्क करने पर उनके द्वारा उपचार का स्टीमेट प्राप्त किया गया। बच्ची को लेकर पिता पदमसिंह अहमदाबाद पहुंचा, वहां डॉक्टरों ने बताया कि इसे दिल की गंभीर बीमारी है जिसका उपचार अहमदाबाद में नहीं किया जा सकता है। परिवार परेशान हो गया। इसके बाद जिला समन्वयक आर.बी.एस.के श्री मोहन कछावा तथा सोशल वर्कर के प्रयास किए जाने पर नन्ही पायल को मुंबई के नारायण अस्पताल भेजा गया। चिकित्सकों ने 2 लाख 45 हजार का एस्टीमेट दिया। जिसे मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर नानावरे तथा उनकी टीम ने संवेदनशीलता रखते हुए एक ही दिन में स्वीकृत कर दिया। विगत 15-20 रोज पूर्व ही पायल का मुंबई में सफलतापूर्वक ऑपरेशन हुआ। अब नन्ही पायल की किलकारियां सुनकर माता लाल कुंवर और पिता पदम सिंह शासन को धन्यवाद देते हैं और कहते हैं कि उनकी योजना की मदद से उनकी बालिका को नई जिंदगी मिल गई है।
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