आनंदयात्री संगठन के सदस्यों ने जगाई सांस्कृतिक अलख | New India Times

नरेंद्र इंगले, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

आनंदयात्री संगठन के सदस्यों ने जगाई सांस्कृतिक अलख | New India Timesबीते कुछ दशकों के दौरान टेलीविज़न, मोबाइल, सुचना और प्रद्योगिकि क्षेत्र में हुई कंप्यूटर क्रांति के कारण समाज में उपजे सांस्कृतिक संवादहिनता और उससे पैदा हुए कथित अवसाद की खाई को पाटने के लिए जामनेर तथा जलगांव परीवर्तन संस्था के सदस्यों ने आनंदयात्री नाम से एक संगठन बनाया है, जिसका पहला संगीत प्रयोग गुढीपाडवा के दिन आयोजित किया गया। पाडवा पहाट शीर्षक से आयोजित इस कार्यक्रम में गायक निखिल क्षीरसागर ने अहिर भैरव राग के “सोहम हर डमरु बाजे” इस गीत से समा बाँध दिया। जहां भूषण गुरव ने तबले और सुरज बारी ने उन्हें हार्मोनियम पर सहयोग किया। भजन, ठुमरी, गवलन, अभंग, भैरवी जैसे पारंपारिक और सांस्कृतिक संगीत के सर्वोत्तम नजरीए का श्रोताओं को लाभ मिला।

मंजुषा भिडे ने समारोह का निवेदन किया। आनंदयात्री डाॅ श्री चंद्रशेखर पाटील, डाॅ श्री अमोल सेठ और टीम द्वारा की गयी यह पहल अपने आप में इस लिए अनूठी है क्योंकि विभिन्न कलाविष्कारों के चलते 1990 के दशक में जामनेर का सांस्कृतिक क्षेत्र सूबे में अपनी अलग पहचान बना चुका था। समय के चलते कई चीजें बदल गयीं। सही प्लैटफ़ार्म और प्रोत्साहन नहीं मिलने के कारण निःसंकोच कई कलाकार समाहित से हो गए या फ़िर इतना ही कह सकते हैं कि उन्हें किसी कि बुरी नजर लग गयी है। वैसे सार्वजनिक त्योहारों और कुछेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने अपने आयोजनों से कला की जिन्दादिली को जीवित रखने का काम जरुर किया है। कलाक्षेत्र पर छा चुकी इस मायूसी ने सन 2000 से लेकर अब यानी 19 वर्षों के बाद आनंदयात्री के सहयोग से नए रुप मे करवट बदलने का अच्छा प्रयास किया है जिसका तमाम नागरिकों से गौरव किया जा रहा है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading