मेहलक़ा अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

वाल्मिकी संगठन के संस्थापक उमेश जंगाले ने बताया कि उनके संगठन द्वारा कुछ माह पूर्व (स्वीपर) क्वार्टरों के भूमि के मालिकाना हक संबंधी मांग को पुरजोर तरीक़े से उठाकर निगम आयुक्त एवं निगम महापौर को ज्ञापन देकर क्वार्टरों का मालिकाना हक मांगा था। आयुक्त एंव महापौर ने संज्ञान लेते हुए एमआईसी में मालिकाना हक का प्रस्ताव पास किया था और आगामी कार्यवाही हेतु शासन को भेजा था लेकिन अधिक समय होने के कारण पुनः वाल्मीकि संगठन ने विशाल रैली निकालकर उक्त मामले का शीघ्र अतिशीघ्र निराकरण करने और निगम अधिकारियों के साथ भोपाल जाकर शासन से सहमति पत्र लाने की मांग की थी। जिसको निगम आयुक्त एवं निगम महापौर ने स्वीकार करते हुए भोपाल जाने के लिखित आदेश के साथ दो अधिकारी सहित वाल्मीकि संगठन को शासन से सहमति पत्र लाने की जिम्मेदारी सौंपी है। जंगाले ने बताया कि अधिकारियों में सहायक राजस्व निरीक्षक रईस अंसारी एवं सहायक यंत्री गोपाल महाजन और वाल्मीकि संगठन के पदाधिकारियों में सहदेव बोयत, कन्हैया संगेले, अनिल पारोचे, नितिन डूलगुज, रूपेश कछवाए व अन्य लोग भोपाल जाकर इस कार्यवाही को अंजाम देंगे और जल्द ही मालिकाना हक संबंधी समस्या का निराकरण निगम स्तर पर करने का आग्रह करेंगे।

उन्होंने बताया कि फिल्हाल समाज जन अंग्रेजों के समय से बने सीमेंट की चादरों वाले कच्चे मकान जो की पूरी तरह जर्जर अवस्था में है उनमें रहने पर मजबूर हैं। देखा जाए तो इन मकानों में कई घटनाएं घट चुकी हैं। सबसे अधिक घटनाएं बारिश के मौसम में आंधी तूफान आने के कारण घटी हैं जिसमें जनहानि और मालहानि दोनों का नुकसान हुआ है।
