कासिम खलील, ब्यूरो चीफ बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT:
इन दिनों बुलढाणा-अजंता राष्ट्रीय महामार्ग का निर्माणकार्य जारी है। इस कार्य में अवैध गौण खनिज का इस्तेमाल किए जाने के शक में 2 टिप्परों को बुलढाणा तहसील कार्यालय में जमा कर दिया गया है। मुरूम की ढुलाई करते समय दोनों वाहन चालकों के पास राजस्व विभाग की रॉयल्टी नहीं पाए जाने का खुलासा बुलढाणा एसडीओ की जांच में सामने आया है।
बहुप्रतीक्षित बुलढाणा-अजंता मार्ग को राष्ट्रीय महामार्ग का दर्जा राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण द्वारा प्रदान किया गया है। विगत 8 माह से इस मार्ग का निर्माण कार्य किया जा रहा है। मार्ग के निर्माण का ठेका “सुनील हाइटेक नागपुर” को दिया गया है। बुलढाणा से अजंता को जोड़ने वाला यह मार्ग तकरीबन 50 किलोमीटर का है, जो बुलढाणा, जालना, औरंगाबाद इन तीन जिलों से होकर गुजरता है। आज 28 दिसंबर को बुलढाणा की उपविभागीय अधिकारी सुहासिनी गोनेवार इसी मार्ग से देवलघाट से बुलढाणा की दिशा में आ रही थी कि उन्हें दो टिप्पर मुरूम ले जाते हुए नजर आए जिन्हें रोककर उन्होंने रायल्टी के बारे में पूछताछ की किंतु दोनों ही चालक समाधान कारक उत्तर नहीं दे पाए। इस बात की सूचना उपविभागीय अधिकारी ने बुलढाणा की प्रभारी तहसीलदार श्रीमती दुर्गा गौर को देने पर तहसीलदार अपनी टीम में शामिल मंडल अधिकारी विजय टेकाले, पटवारी गणेश देशमुख, विनोद कोलसे, विजय सावले, प्रकाश मिसाल, श्रीमती जुमले, सिपाही नांदे, चालक शेख अज़मत के साथ वहां पहुंचे और उन्होंने वाहनों की जांच की तो पता चला कि चालकों के पास रायल्टी मौजूद नहीं है जिसके कारण उन्होंने टिप्पर क्रमांक MH-43-BG,7821 व MH-02 ER-9065 को जब्त करते हुए अधिक जांच के लिए बुलढाणा तहसील कार्यालय में लाकर खड़ा कर दिया है। अब यह जांच चल रही है कि मार्ग के निर्माण के लिए इस्तेमाल किए जा रहे मुरूम की ढुलाई के लिए शासन से अधिकृत रूप से रॉयल्टी ली गई है या नहीं।
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